( जसवीर सिंह हंस ) राखी के अवसर पर बहने अपने भाई के हाथ पर राखी बांधकर उसके लिए दुआएं मांगते हैं तथा उसकी लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं पांवटा साहिब में नशे से बढ़ रही मौतों के कारण कई बहने राखी बांधने से वंचित रह गई है जी हां हम आपको रक्षाबंधन के अवसर पर ऐसी ही कुछ घटनाओं से रूबरू करवायेंगे जिसमें जवान भाइयो की मौतों पर उनकी बहनें अपने भाइयों को याद कर कर रो रही है जहां एक ओर रक्षाबंधन पर बहनों खुशी-खुशी अपने भाई को राखी बांधने की तेयारी कर रही हैं वहीं कुछ ऐसी बहने भी हैं जिनके भाइयों ने नशे की चपेट में आकर दम तोड़ दिया किसी ने आत्महत्या कर ली कोई नशे की ओवरडोज से मौत के मुंह में चला गया
परंतु इस सब से पांवटा साहिब पुलिस को कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि पांवटा साहिब पुलिस नशा तस्करों को पकड़ने में नाकाम साबित हुई है बड़े नशा तस्करों को पकड़ कर पुलिस कुछ नशेड़ी किस्म के लोगों को नशे के मामलों में पकड़ कर अपनी पीठ थपथपा ने में लगी हुई है 70 कैप्सूल कैप्सूल कभी 90 कैप्सूल बस यह मामले सामने आ रहे है ये वह केवल लोग हैं अपने खाने के लिए कैप्सूल इत्यादि ला रहे होते हैं या रखे होते हैं बड़े नशा तस्कर जो हजारों की संख्या में क्या कैप्सूल नशा तस्करी कर रहे हैं पुलिस पहुंच नहीं पाया पहुंचना नहीं चाहती या पुलिस की इच्छाशक्ति में कमी है परंतु इस सब बातों के बावजूद एक ही बात सामने आ रही है कि नशे से बढ़ रही मौतें आकर रुकेगी कैसे |
किसी माँ के बेटे की ,बहन के भाई, बाप के लाडले , किसी के पति की मौत नशे से हो रही है तो किसी और को कोई फरक नहीं पड़ता | लोगो दवारा इस बारे में पुलिस अधिकारियों को भी कई बार नशे के कारोबारियों के नाम पता उपलब्ध किये गये थे परन्तु कोई कड़ी कारेवाही नहीं हो सकी | इस बारे में स्थानिय लोगो का कहना है कि शहर में बढ़ रहे नशे के कारोबार पर वो एक बार फिर मांग उठाएंगे इस बार फिर इस मुददे को सरकार तक उठाया जायेगा |
पांवटा साहिब में नशे से हो रही लगातार मौतों के बाद नशे पर लगाम के सरकार और पुलिस प्रशासन के दावे हुए फ़ैल साबित हो रहे है | नशे के कैप्सूल , स्मेक , गोलिया ,इंजेक्शन , आदि शहर में बिक रहे है | कई महंगे नशे होने के कारण युवा पीढ़ी इस नशे कि दलदल में फस तो जाती है परन्तु निकल नहीं पाती कुछ युवा नशा न मिलने के कारण मौत का रास्ता चुन लेते है कुछ कुछ नशा छोड नहीं सकने के कारण तो कुछ ओवर डोस के कारण |सवाल ये उठता है कि इस मौत के लिए आखिरकार जिम्मेवार कौन पुलिस प्रशासन सरकार या समाज जा परिवार |