राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पांवटा साहिब में कलम नवीसों के हाथों पर काली पट्टी बंधी थी। पत्रकार कार्यक्रम की कवरेज के लिए कलम थमने वाले हाथों में काली पट्टी बांध कर पहुंचे। काली पट्टी बांधने के पीछे कारण स्थानी प्रशासन द्वारा पत्रकारों की अनदेखी है।
दरअसल स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में अधिकतर पत्रकारों को प्रशासन की तरफ से निमंत्रण ही नहीं दिया गया था। लिहाजा पत्रकार प्रशासन से खासे नाराज है। हालांकि पत्रकारों ने प्रशासन की अनदेखी और अपनी नाराजगी को अपने दायित्वों के बीच नहीं आने दिया और कार्यक्रम की कवरेज के लिए निर्धारित समय और स्थान पर पहुंच गए थे। लेकिन प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर करने के लिए नाराज पत्रकारों ने अपने बाजुओं पर काली पट्टी बांध रखी थी। पत्रकारों का आरोप है कि हर साल उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता था। पत्रकारों ने प्रशासन के ऐसे रवैया की घोर निंदा की है ।
प्रशासन द्वारा उन चंद पत्रकारों को निमंत्रण दिया गया था जो अक्सर एसडीएम कार्यालय में अपनी हाजिरी देने पहुंचते हैं | वही स्थानीय पत्रकारों का आरोप है कि कुछ चमचागिरी करने वाले पत्रकार जो कि अपने निजी काम करवाने तथा एसडीएम ऑफिस से फोन करवा कर विज्ञापन इकट्ठे करने में लगे रहते हैं तथा एसडीएम के पिच्ग्लू बने हुए हैं तथा सारा दिन वही बैठ कर चाय पानी पीते रहते हैं ऐसे पत्रकार जो कि अपने गांव पंचायतों में एसडीएम को घुमाते रहते हैं तथा निजी स्वार्थ हित साधने हेतु चमचागिरी में व्यस्त हैं उन्हें चंद पत्रकारों को बुलाकर बाकी पत्रकारों का अपमान किया जो कि सहन नहीं किया जाएगा |स्थानी पत्रकारों का कहना है चंद पांचवी सातवीं फेल पत्रकार एस डी एम की चमचागिरी कर बाकी पत्रकारों के खिलाफ भी साजिश रच रहे हैं |