हिमाचल प्रदेश में आज 73वां स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास व उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राज्य, जिला तथा उप-मण्डल स्तर पर समारोहों का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय ध्वजारोहण, पुलिस, गृह रक्षा, एनसीसी, आईटीबीपी के जवानों द्वारा आकर्षक मार्च पास्ट तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम समारोहों के मुख्य आकर्षण रहे। समारोह को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने प्रातःकाल से ही अपने पारम्परिक परिधानों में सुसज्जित होकर समारोह स्थल पर एकत्र होना आरम्भ कर दिया था।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला के ऐतिहासिक रिज़ मैदान पर आयोजित राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा पुलिस, गृह रक्षकों, एनसीसी, स्काउटस् एण्ड गाइडस्, एनएसएस के कैडेटों तथा स्कूली छात्रों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड का नेतृत्व उप-अधीक्षक पुलिस पंकज शर्मा ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उन सभी स्वतंत्रता सेनारियों को स्मरण किया, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हुए सभी जवानों को श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने हिमाचल निर्माता एवं प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवन्त सिंह परमार द्वारा प्रदेश के विकास की ठोस नींव रखने में दिए गए अविस्मरणीय योगदान के लिए उन्हें श्रद्धांजलि दी। जय राम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार ने 27 दिसम्बर, 2017 को सत्ता संभालने के उपरान्त प्रदेश में समग्र एवं समावेशी विकास के लिए पर्यत्न किए हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार ने विकासात्मक लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से प्राप्त करने के लिए एक विज़न डॉक्युमेंट- ‘दृष्टिपत्र हिमाचल प्रदेश-2030’ तैयार किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रदेश को उदारता व स्नेह प्रदान करने के लिए उनका आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को भारत सरकार से भरपूर सहयोग मिलने के कारण प्रदेश में पर्यटन विकास, कृषि व बागवानी, जल संग्रहण तथा वानिकी क्षेत्रों में 10,330 करोड़ रुपये की बाह्य वित्त पोषित परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं।
उन्होंने कहा कि जन मंच, हिम प्रगति पोर्टल, ई-समाधान, मुख्यमंत्री निगरानी एवं गुणवत्ता जांच सेल जैसे आरम्भ किए गए नवाचार कार्य प्रदेश में सुशासन की दिशा में उठाए गए बड़े कदम हैं। इन सभी कार्यों से जहां सरकार आम जनता तक पहुंचने में सफल हुई है, वहीं प्रशासनिक कार्यकुशलता बढ़ी है व कार्य प्रणाली में पारदर्शिता आई है। जय राम ठाकुर ने कहा कि अब तक आयोजित जन मंच में 37,500 से भी ज्यादा शिकायतें एवं मांगपत्र लोगों से प्राप्त हुए, जिनमें से अधिकांश शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जनता की सुविधा के लिए शीघ्र ही मुख्यमंत्री हेल्पलाइन आरम्भ की जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को स्वावलम्बी बनाने तथा सर्वस्पर्शी विकास को सुनिश्चित बनाने के लिए बुनियादी ढांचे के विस्तार और उद्योगीकरण के प्रोत्साहन को विशेष बल दिया जा रहा है।
प्रदेश में निवेशकों को बड़े पैमाने पर आकर्षित के लिए आगामी 7 व 8 नवम्बर को धर्मशाला में ‘राइजिंग हिमाचल ग्लोबल इन्वेस्टर्ज़ मीट’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 85000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक विभिन्न संभावित निवेशकों के साथ 38000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान और महिलाओं के कल्याण को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि 3.57 लाख से भी ज्यादा वरिष्ठ नागरिक 1500 रुपये प्रतिमाह की दर से सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त कर रहे हैं तथा प्रदेश में लगभग 5.35 लाख पात्र जरूरतमंद लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण तथा महिला सशक्तिकरण पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना आरम्भ की है, जिसके तहत पात्र परिवारों को निःशुल्क गैस कनैक्शन दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत 1.09 लाख कनैक्शन वितरित किए गए हैं, जो योजना के तहत निर्धारित किए गए लक्ष्य से अधिक है। केन्द्र सरकार की उज्ज्वला योजना के तहत भी प्रदेश में 1.15 लाख कनैक्शन वितरित किए जा चुके हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना और केन्द्र की उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को, एक अतिरिक्त गैस रिफिल देने का निर्णय भी लिया है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में उज्ज्वला योजना के नए लाभार्थियों को 1900 रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है ताकि उन्हें भी गृहिणी सुविधा योजना के लाभार्थियों की तरह गैस कनैक्शन निःशुल्क मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में ग्रामीण स्तर तक चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ बनाया जा रहा है। गरीब व्यक्तियां को किसी गम्भीर बीमारी की स्थिति में बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गम्भीर बीमारी से पीड़ित ऐसे लोगों जिन्हें लगातार देखभाल की आवश्यकता रहती है, के लिए ‘सहारा’ नाम से एक योजना आरम्भ की है, जिसके तहत उन्हें 2000 रुपये प्रतिमाह की सहायता प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार ने प्रदेश में आयुष्मान भारत में कवर न होने वाले लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए ‘हिमकेयर’ नाम से योजना चलाई गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा प्रदेश में बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को भी प्रभावी ढ़ंग से लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत सभी किसानों को 6000 रुपये प्रतिवर्ष प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन विकास की सम्भावनाओं को देखते हुए नई राहें-नई मंजिलें नाम से नई योजना आरम्भ की गई है, जिसके तहत पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण अछूते क्षेत्रों को विकसित किया जा रहा है। प्रथम चरण में शिमला की चांशल घाटी, मण्डी की जंजैहली वैली तथा कांगड़ा के बीड़ बिलिंग को विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने निषाद कुमार तथा लैफ्टिनेंट प्रतिभा जम्वाल को हिमाचल गौरव पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने सुबेदार रिनजिन दोरजे (मरणोपरांत), अलाईका तथा हिमकारा संगठन को प्रेरणा स्त्रोत पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण को सिविल सर्विसिज पुरस्कार प्रदान किया, जिसे पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा नन्दा ने प्राप्त किया। राज्य स्तरीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण पुरस्कार कुल्लू तथा लाहौल-स्पिति जिलों को प्रदान किए, जिन्हें क्रमशः उपायुक्त यूनुस खान तथा अश्विनी कुमार ने प्राप्त किया।जय राम ठाकुर ने प्रदेश सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशनरों को चार प्रतिशत मंहगाई भत्ते की घोषणा की, जो जनवरी, 2019 से देय होगा। इस निर्णय से प्रदेश के कर्मचारियों को 260 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वित्तीय लाभ मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि भविष्य में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग तथा राज्य अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षाओं में महिला उम्मीदवारों को परीक्षा शुल्क जमा नहीं करवाना पड़ेगा।जय राम ठाकुर ने घोषणा की कि सरकारी स्कूलों के 9वीं व 10वीं कक्षाओं के सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यक्रम पुस्तकें प्रदान की जाएंगी, जिससे प्रदेश के 65,000 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने ऐसे भूतपूर्व सैनिकों, सैनिक विधवाओं/आश्रितों, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है तथा जिन्हें वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल रही है, उन्हें वर्तमान में दी जा रही वित्तीय सहायता को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रतिवर्ष करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानियों की वित्तीय सहायता राशि को 3000 रुपये से बढ़ाकर 10000 रुपये प्रतिमाह तथा सेनानियों की विधवाओं की वित्तीय सहायता राशि को 3000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की। इस अवसर पर स्कूली छात्रों तथा सांस्कृतिक दलों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्धाज, विधायक बलबीर वर्मा तथा विक्रमादित्य सिंह, हिमफैड के अध्यक्ष गणेश दत्त, मिल्कफैड के अध्यक्ष निहाल चन्द शर्मा, नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट, उप-महापौर राकेश शर्मा, मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, मनोज कुमार तथा संजय गुप्ता, प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, ओंकार शर्मा, संजय कुंडु, महाधिवक्ता अशोक शर्मा सहित अन्य गणमान्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।