( नीना गौतम ) सैंज घाटी के पटाहरा गांव में बीरवार को भगवती देवी दुर्गा आसुरी शक्तियों पर भारी पड़ी। काले जादू टोने व आसुरी शक्तियों से प्रभावित लोगों को भी इस मौके पर देवी के मंदिर प्रांगण में लाया गया। जैसे ही मां दुर्गा का रथ मंदिर से बाहर निकला तो सैंकड़ों हारियन के लोगों ने मशाले खड़ी की। और सैंकड़ों लोगों ने मां भगवती नव दुर्गा के दर्शन किए और दु:ख बिमारी दुर और सुख शांति समृद्धि का आशिर्वाद मांगा।
देवी के गुर के माध्यम से दैवीय शक्तितिंयों से कई बिमारियों से स्वस्थ किया। भगवती के सैंकड़ों हारियानों ने जलती हुई मशालें लेकर भगवती दुर्गा के मंदिर प्रांगण में देर रात एकत्रित होकर देवी दुर्गा के अपने देवालय से बाहर निकलने के बाद मैदान में बैठने के स्थान में 3 बार परिक्रमा की। और उसके बाद शुरू हुआ आसुरी शक्तियों खदेडऩे का खेल। इस हूंम पर्व में बनोगी, सुचैहन, व दुशाहड़, पंचायतों के कई गांव के लोगो ने और इनके अलावा रैला, पल्दी, शैंशर शांघड़, भलाण, कनौन धाऊगी, सहित अन्य इलाकों के लोगों ने भी हाजरी भरी।
इस उत्सव के प्रति लोगों को गहरी आस्था है। इस हूंम पर्व में बड़ी संख्या में लोग माता के जयकारे लगाते हुए मंदिर प्रांगण में दिखाई दिए। एक समय भोजन ग्रहण कर रहे लोग। गौर रहे कि हूंम पर्व के सात दिन पहले से ही भगवती के प्रमुख कारकुनों ने उपवास रखा होता है आदि काल से चली आ रही मान्यताओं के अनुसार मुख्य कारकूनों को बाल आदि काटना व शेव करना उपवासबक दौरान बर्जितहोता है और जमीन पर आसन लगाकर ही सोना पड़ता है।
इलाके में नांन बैज भोजन पर पुरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ था भगवती नव दुर्गा कमेटी के प्रधान चमन राणा, देवी दुर्गा के कारदार किशन चंन्द, गुर ढोलेराम, धामी रोशन लाल शर्मा, पुजारी लीलाधर शर्मा, भंडारी हरफी राम, पुंडरीक ऋषि गुर किशोरी लाल ठाकुर, कारदार, लोतम राम, पालसरा, भागीरथ, मोहन पालसरा, विद्या पालसरा, दुर्गा दास, सेसराम, नरोतम, झावेराम, विनोद ठाकुर आदि ने बताया है की देवी के इस हूम पर्व में बड़ी संख्या में लोगो ने देवी दुर्गा के दर्शन किए।