हिमाचल के पूर्व डीजीपी डीएस मिन्हास की बहू और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ विजिलेंस (Vigilance) में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। दोनों आरोपियों पर एक्साइज विभाग (Excise department) से शराब के कारोबार को चलाने के लिए फर्जी ट्रेजरी चालान और बैंक की फर्जी एफडीआर (FDR) देने का आरोप लगा है।फर्जी चालान और फर्जी एफडीआर के जरिये आरोपियों ने एक्साइज विभाग के साथ करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी की है। एक्साइज विभाग (Excise department) की शिकायत मिलने के बाद जहां विजिलेंस ने कार्रवाई शुरू करते हुए आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाने के लिए 3-4 स्थानों पर दबिश दी, लेकिन आरोपी विजिलेंस के हाथ नहीं आए। वहीं, एक्साइज विभाग ने दोनों कारोबारियों के 5 शराब के ठेके सील कर दिए हैं।
बता दें कि ऊना में एक्साइज विभाग (Excise department) के साथ शराब की दो फर्मों द्वारा करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी (Fraud) मामले में एक्साइज विभाग हरकत में आ गया है। इस मामले में जहां एक्साइज विभाग ने विजिलेंस (Vigilance) में मामला दर्ज करवाया है, वहीं विभाग द्वारा दोनों फर्मों के 5 शराब ठेके भी सील कर दिए गए हैं। इस पूरे मामले में हिमाचल प्रदेश के पूर्व डीजीपी की बहू हरप्रिया और एक अन्य शराब कारोबारी रोहित कुमार वासी बाथू ऊना के खिलाफ एक्साइज विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है।एक्साइज विभाग का आरोप है कि इन दोनों शराब कारोबारियों ने एक्साइज विभाग को शराब ठेके चलाने के लिए ट्रेजरी के फर्जी चालान थमा दिए।
मामले का खुलासा होने के बाद एक्साइज विभाग ने दोनों फर्मों को बकाया राशि जमा करवाने के लिए नोटिस भी जारी किए गए थे और जब एक्साइज विभाग ने अपने पास जमा एफडीआर चैक करवाई तो वो भी फर्जी पाई गई। आबकारी एवं कराधान विभाग के उप आयुक्त प्रदीप शर्मा ने बताया कि शराब की 2 ठेकेदार फर्मों द्वारा विभाग के साथ 2.63 करोड़ रुपए धोखाधड़ी की गई थी, जिसे लेकर विजिलेंस में शिकायत सौंप दी गई है और वहीं शराब के ठेको को भी सील कर दिया गया है।एएसपी विजिलेंस (ASP Vigilance) सागर चंद्र ने बताया कि एक्साइज विभाग से दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत मिली थी, जिस पर मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एएसपी ने बताया कि मामले में आरोपियों को पूछताछ के लिए विजिलेंस ऑफिस तलब करने के लिए टीमें भेजी गई थीं, लेकिन दोनों ही आरोपी अभी तक नहीं मिल पाए हैं।