विक्रमादित्य भाई का शव लेकर खुद निकले

(जसवीर सिंह हंस ) मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह खुद ममेरे भाई आकांक्ष के शव को स्ट्रेचर पर रखकर निकले। पीजीआई चंडीगढ़ में उन्होंने खुद शव को गाड़ी में रखा और अंतिम संस्कार के लिए सोलन के लिए रवाना हो गए। विक्रमादित्य ने दो दिन तक अस्पताल में मोर्चा संभाले रखा और परिवार को ढांढस बांधते भी दिखे। बताया जा रहा है कि बीएमडब्ल्यू द्वारा कुचलकर मारे गए आकांक्ष के शव को उसके परिजनों को सौंप दिया गया। इस अवसर पर वहां हिमाचल के मुख्यमंत्री के बेटे विक्रमादित्य, हिमाचल के डीजीपी संजय कुमार और कई हिमाचल पुलिस और चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी मौजूद थे।


चंडीगढ़ पुलिस नहीं कर रही अपना काम: विक्रमादित्य
सेक्टर 3 पुलिस स्टेशन की इंचार्ज पूनम दिलावरी ने कहा कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई पर छापेमारी जारी है। पूरा मामला चंडीगढ़ पुलिस के उच्च अधिकारी खुद देख रहे हैं। उनके कहने के अनुसार शराब पीने के बाद आपस में झगड़ा होने के बाद यह कत्ल किया गया है। पहले धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था जिसे अब मौत होने के बाद 302 में परिवर्तित कर दिया गया है। पीजीाई में ममेरे भाई का शव लेने आए विक्रमादित्य ने कहा कि राजनीतिक दबाव के कारण चंडीगढ़ पुलिस अपना काम सही ढंग से नहीं कर रही। मेरे पिता जी केंद्रीय गृह विभाग से यह मांग करेंगे कि मामले की जांच निष्पक्ष रुप से बिना किसी राजनीतिक दबाव के करवाई जाए।

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मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए: वीरभद्र सिंह 
उन्होंने कहा कि हमारे साथ हिमाचल पुलिस के उच्च अधिकारी भी आए हैं जो चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों से निरंतर संपर्क में हैं। उन्होंने इस बात पर हैरानी प्रगट की कि जब अभियुक्तों की पहचान हो चुकी है, उनके घर का पता है, उनके घर वालों के बारे में पूरी जानकारी है तो अभी तक अभियुक्त गिरफ्तार क्यों नहीं किए गए। यह निश्चित रूप से राजनीतिक दबाव के कारण ही हो रहा है। वही चंडीगढ़ आए हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि यह अभी जांच का विषय है कि मामला सही दर्ज हुआ है या नहीं। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

 

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