( जसवीर सिंह हंस ) लोगो का कहना है कि कांग्रेस की सरकार में मोजुदा विधायक और ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने सडको की बदहाली को लेकर पदयात्रा पर निकले थे अब भाजपा की सरकार आने पर वो कुछ नहीं कर रहे है | शायद विधायक सुखराम चौधरी सत्ता में आकर जनता का दुःख दर्द भूल गये है व सता कि चकाचोंध में गुम हो गये है | पांवटा साहिब में राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही पांवटा साहिब की कई सड़के भी बदहाल है जिनपर आये दिन कोई न कोई सड़क हादसा होता रहता है |
स्थानीय लोगो का कहना है कि शायद विधायक सुखराम चौधरी व भाजपा को उनके वोटो कि जरुरत नहीं है | वही विभाग के अधिकारी नेताओ के साथ सेटिंग में ही लगे हुए है | जबकि त्रस्त जनता का सुध लेना वाला कोई नहीं है जबकि विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने भी जनता के मुद्दों पर ध्यान देना छोड़ दिया है |
जामनीवाला रोड , किशनपूरा रोड , बाता पुल से लेकर लाल ढांग तक का राष्ट्रीय राजमार्ग इतना बदहाल है कि पता हि नहीं चलता कि सड़क में खड्डे है या खड्डों में सड़क है | किशनपूरा रोड पर से विधायक सुखराम चौधरी रोजाना गुजरते है परन्तु वो अपने घर तक जाने वाली सड़क को हि ठीक नहीं करवा पा रहे है इलाके कि जनता उनसे क्या उम्मीद करे | कांग्रेस की सरकार में मोजुदा विधायक सुखराम चौधरी ने सडको की बदहाली को लेकर खूब हो हल्ला किया था शायद हो सत्ता पाने का एक चुनावी स्टंट था |
पूर्व विधायक ,पांवटा साहिब चौधरी किरनेश जंग का कहना है की हमने अपने पांच साल के कार्यकाल में ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों तक का सुधारीकरण करवाया , नई सड़कों का निर्माण करवाया लेकिन उस समय सुखराम चौधरी और उनकी टीम ने पद यात्रा के नाम से राजनेतिक शोशेबाजी की , आज पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र की तमाम सड़कें दुर्दशा का शिकार हो चुकी है सत्ता में आकर एक वर्ष का कार्यकाल बीत जाने के बाद भी सुखराम चौधरी सैकड़ो की दशा को नही सुधार पाए है ।
सुखराम चौधरी का खुद का पोलिटिकल करियर ख़त्म होने लगा है। आज के समय में उनके विधानसभा क्षेत्र में नाहन के विधायक व् विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल और शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर का हस्तक्षेप है उनको तो विधानसभा क्षेत्र पांवटा साहिब में आयोजित होने वाले ख़ास कार्यक्रमों में भी बतौर मुख्य अतिथि शरीक होने का भी मौक़ा नहीं मिल पा रहा है।
कांग्रेसी नेताओं ने सुखराम चौधरी पर सीधा आरोप लगाया है की वो श्रेय लेने के लिए जनता को गुमराह कर रहे है यदि वो खुद सत्ता में रहते हुए पांवटा विधानसभा क्षेत्र के लिए बड़ा काम नहीं कर पा रहे है तो कम से कम हमारे द्वारा जो शहर के लिए गत पांच वर्षो में पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह के सहयोग से काम किये गए है उसका श्रेय लेने के लिए जनता को गुमराह न करे।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सुखराम धूमल गुट के ही नेता है। सुखराम धूमल के करीबियों में गिने जाते है। ऐसे में यदि प्रदेश के सीएम जय राम ठाकुर द्वारा उनको खुड़े लाइन लगाने कि बाते सामने आ रही थी , तो भविष्य में काफी बदलाव सामने आ सकते है, जिसमें धूमल के नजदीकी लोगों को परेशानी उठानी पड़ सकती है । गोरतलब है कि प्रदेश में विधानसभा चुनावो के बाद सुखराम चौधरी ने कहा था कि वह अपना त्याग पत्र देने को तैयार है , ताकि प्रेम कुमार धूमल पांवटा साहिब से चुनाव लड़ कर हिमाचल प्रदेश में बतौर सीएम कमान संभाल सकें ।
सुखराम के भतीजे ने तो सोशल मिडिया पर सरेआम लिखा था कि प्रो. प्रेम कुमार धूमल के लिए नवनिर्वाचित विधायक चौधरी सुखराम अपना त्याग पत्र देने को तैयार हैं, ताकि प्रेम कुमार धूमल यहां से चुनाव लड़ कर प्रदेश की कमान संभालें । बेशक जनता ने बीजेपी के सी.एम. पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को नकार दिया था लेकिन पार्टी के चापलूस नेता उन्हें ही सी.एम. बनाने पर उतारू थे । वही सुखराम चौधरी अनुराग ठाकुर के भी मन्त्र पढ़ते आये है व प्रदेश में इस समय धूमल व अनुराग ठाकुर खुद बेकफुट पर है |
वही शहर में चर्चा है कि सुखराम चौधरी कि सरकार में पूछ नहीं है व पांवटा साहिब के लोग भी ट्रान्सफर के लिए जिले के दुसरे नेताओ के पास जा रहे है | निगम और बोर्डों में हुई नेताओ की हुई ताजपोशी के बाद सुखराम चौधरी को कोई पद नहीं मिलने से इस बात पर मोहर लग गयी है | वही विधानसभा चुनाव में पाँवटा साहिब में भाजपा से टिकट के दर्जनों दावेदार थे यदि सुखराम को कोई पद दिया गया तो ये लोग नाराज हो जाते व ये सब भाजपा को नुकसान दे सकता है क्यूंकि इस फूट से भाजपा को कठिनाई आएगी |