पांवटा साहिब में पहली बार होने जा रहा राज्य स्तरीय यमुना शरद महोत्सव शुरू होने से पहले ही विवादों में आगया है। समारोह में टेंट व स्टेज आदि की व्यवस्था के लिए दो अलग-अलग निविदाएं निकाली गई जिसमें पंडाल का साइज बदल दिया गया। एक निवादा में पंडाल साईज़ 100/180 फीट (कुल 18,000 वर्ग फुट) दिया गया है जबकि दूसरे में 100/150 फीट (कुल 15,000 वर्ग फुट) दिया गया है परंतु फिलहाल मौके पर लगाए गए पंडाल का साईज़ करीब 12,000 वर्ग फीट ही है। जिसमें करीब 6,000 वर्ग फीट पंडाल तय मानकों से कम लगाया गया है। जानकारी के मुताबिक सोलन के एक टेंट हाउस को यह टेंडर 5 लाख 40 हजार रुपयों में अलाॅट किया गया है जिसमें से करीब 2/3 काम मौके पर किया गया है। कायदे अनुसार मौके पर जब करीब 33% कम कार्य किया गया है तो उसी के अनुसार ठेकेदार को पेमेंट भी कम होनी चाहिए। वहीं कुछ लोगों का कहना यह भी है कि एसडीएम साहब पहले सोलन रहते थे तथा उन्होंने अपने चहेते को लाभ पहुंचाने के लिए ही दोबारा टेंडर करवाया है
सूत्र बताते हैं कि ठेकेदार की सुविधा के लिए दो अलग-अलग निविदाएं निकाली गई हैं। उसके बाद टेंडर लेने वाले सोलन के टेंट हाउस मालिक ने उत्तराखंड के ऋषिकेश के एक टेंट हाउस से वाटर प्रूफ टेंट का यह सारा माल मंगवाया जिसे विकास नगर के एक टेंट हाउस के मजदूर फिट कर रहे हैं। इसीलिए ठेकेदार ने सबका खर्चा निकालने को यह रास्ता अपनाया है। वहीं इस प्रकरण में आयोजन समीति के कुछ पदाधिकारियों, सदस्यों व प्रशासनिक अधिकारियों की भी मिलीभगत होने की चर्चाऐं भी बाज़ार में गर्म हैं। बहरहाल राज्य स्तरीय घोषित होने के बाद पहली बार हो रहा पांवटा का यमुना शरद महोत्सव शुरू होने से पहले ही विवादों के घेरे में आ गया है। वही प्राप्त जानकारी के अनुसार शरद महोत्सव के लिए पंडाल लगाने के लिए भी निविदाएं 16 सितंबर तक ली गई थी जिसे 30 सितंबर को खोलना था परंतु दो ही निविदाएं आने के कारण यह टेंडर रद्द कर दिया गया।
उसके बाद 5 अक्टूबर तक निविदाएं मांगी गई थी जिसमें 7 निविदाएं कमेटी को मिली तथा 6 अक्टूबर को छुट्टी वाले दिन कमेटी के सामने ही निविदाओं को खोला गया जिसमें ₹540000 ममता टेंट हाउस सोलन को पांडाल लगाने का ठेका दिया गया जिसकी कीमत ₹540000 थी उसके बाद दूसरे नंबर पर ₹700000 का ठेका अरुण टेंट हाउस विकासनगर के नाम आया इस निविदा में टेंट 180* 100 का वाटर प्रूफ लगाया जाना था और 1000 प्लास्टिक की कुर्सी तथा 800 डनलप वाली कुर्सी लगानी है वहीं 50 डबल सीटर सोफा के लिए भी निविदाएं रखी गई थी वही आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस टेंडर प्रक्रिया में भी घोटाला हुआ है तथा रविवार को बिना एसडीम की उपस्थिति के यह टेंडर खोले गए हैं वही टेंट जो 180 *100 का लगाया जाना था वह घटकर 82*150 का लगा हुआ है अब देखना यह है कि इसके ऊपर प्रशासन क्या कार्रवाई करती है।