ऊना जिले के गगरेट से देनिक जागरण अख़बार के पत्रकार अविनाश विद्रोही की माँ बीमार है वह हर एक हॉस्पिटल की खाक छान रहे है । पहले ऊना हॉस्पिटल में डायलिसिस के पैसे नही लगते थे क्योंकि पंचायत द्वारा घर की आर्थिक स्थिति के बारे में एक पत्र होस्पिटल को दिया गया था तो सहूलियत मिल रही थी लेकिन अब सरकार द्वारा लगभग एक माह से जरूरी कर दिया गया कि सिर्फ आयुष्मान कार्ड या हिम केयर वाले को सहूलियत मिलेगी ।
पत्रकार अविनाश
विद्रोही की माँ का आयुष्मान कार्ड था ,उन्होंने
अस्पताल में दिखाया तो अब उन्हें कहा गया इनकी सारी रिपोर्ट द्वारा सबमिट करो , आधार कार्ड , खून की जांच की रिपोर्ट ओर अल्ट्रा साउंड रिपोर्ट हर बार लगेगी जब जब डेलसिस होगा
। मम्मी की सेहत ऐसी नही है कि अल्ट्रा साउंड करवाया जा सके उन्हें हॉस्पिटल तक
पहुंचाना हमारे लिए बेहद मुश्किल होता है ऐसे में ये रिपोर्ट क्यों ,जबकि हम जब कार्ड होने के बावजुद पैसे
देते है तो कोई रिपोर्ट नही लगती ।
पत्रकार अविनाश विद्रोही का कहना है कि मां की तबियत अब भी वैसे ही है जैसे थी पता नही कितने हॉस्पिटल कितने चक्कर अलग अलग जगह के लगाए लेकिन खास फायदा नही हुआ । जितनी बार हॉस्पिटल लेकर गए उतनी बार माँ वैसी नही लौटी जैसी लेकर गए थे । जो हम कर सकते थे हम कर रहे है ,किडनी की बिमारी बहुत महंगी बिमारी है गरीब आदमी इस बीमारी के आगे कुछ नही कर सकता न ही अभी इस देश मे ऐसे हॉस्पिटल है जो ऐसे हालात में मदद करे । सरकारी में ध्यान नही देते प्राइवेट में सिर्फ पैसा चलता है । खैर गरीबो का ऊपर वाला तो है ही न । आर्थिक तंगी के कारण पत्रकार अविनाश विद्रोही अपनी मां का इलाज किसी निजी अस्पताल में नहीं करा पा रहे वही इन सभी बातों के बीच असल कहानी है कि सरकार द्वारा चलाई गई इन स्कीमों के दावे जमीनी स्तर पर फेल होते नजर आ रहे हैं
यदि ये कार्ड बन गया है तो आधार कार्ड और अन्य
रिपोर्ट क्यों जरूरी है ?
जब मरीज़ लगभग एक
साल से एक ही जगह डेलसिस करवा रहा है तो फिर अल्ट्रा साउंड का क्या ड्रामा है ? जितने पैसे हमारे इधर उधर खर्च
आयुष्मान कार्ड की बजह से हो रहे है उस से पैड डेलसिस सस्ता हो रहा है ।हफ्ते में
दो बार डेलसिस करवाने के लिए दो बार अल्ट्रा साउंड चाहिए जबकि एक साल से एक बार भी
नही करवाया गया है । देश के लोग देश मे ही पहले कार्ड बनवाए फिर आधार कार्ड दिखाए
फिर ऊलजलूल फॉर्मेलटी करें तब जाकर उन्हें कार्ड की सुविधा मिलेगी , ओर हां दवाई आपको बाहर ही लेनी है और
किडनी के मरीज़ की दवाइयों की किम्मत सभी जानते है । पत्रकार
अविनाश विद्रोही ने ये दुःख अपनी फेसबुक पर
शेयर किया है | सभी पत्रकार बंधुओ से आग्रह है की पत्रकार
अविनाश विद्रोही की मदद करे | पत्रकार अविनाश विद्रोही का नम्बर 9816148327 है |