नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ और आपसी भाईचारे को बनाए रखने के मकसद से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आज नाहन में शांति मार्च निकाला। जामा मस्जिद से शुरू हुई रैली शहर के विभिन्न हिस्सों से होते हुए डीसी कार्यालय पहुंची। इस मौके पर सैंकड़ों लोगों ने हाथों में तिरंगे लिए इस कानून को विरोध किया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय ने महामहिम राष्ट्रपति को डीसी सिरमौर के माध्यम से एक ज्ञापन भी भेजा। ज्ञापन में समुदाय ने साफ कहा कि यह एक्ट संविधान की प्रस्तावना की अवहेलना करता है। यह संविधान के मूल ढांचे से छेड़छाड़ है। यही नहीं एक्ट संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का भी उल्लंघन है। एक्ट में मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ भेदभाव हुआ है।
एक्ट को लागू करने के बाद सरकार द्वारा एनआरसी लाने का प्रावधान है, जिसमें देश के हर नागरिक को अपनी नागरिकता सत्यापित करानी होगी। रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक्ट को निरस्त करने की मांग की, जिससे भारतीय संविधान के मूल ढांचे पर आंच न आए। इस मौके पर मुस्लिम नेता सलीम खान ने कहा कि भारत के संविधान को छिन्न भिन्न किया जा रहा है। एक्ट में भारतीय मूल के निवासियों को भी नागरिकता की छूट नहीं है। एनआरसी के लिए सभी को नोटबंटी की तरह लाइन में लगना होगा। इसमें सभी नागरिको को नागरिकता के लिए प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने मांग की कि एनआरसी व सीएए जैसे कानून से हिंदू मुस्लिमों को अलग न किया जाए। संविधान से किसी भी तरह की छेड़छाड़ न हो।












