( जसवीर सिंह हंस )चंबा की पुलिस अधीक्षक डॉ मोनिका ने महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को कम करने के लिए एक टीम तैयार की जो महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों से निबटने के लिए तैयार की गई थी तथा इस टीम को महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों को रोकने में भारी सफलता हासिल हुई है तेज तरार आईपीएस अधिकारी डॉ मोनिका जो कि इस समय चंबा में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं इस टीम की खुद निगरानी कर रही हैं |
पिछले 5 वर्षों में 4 हत्याएं, आत्महत्या के लिए 23 और महिलाओं के लिए क्रूरता के 35 मामले पति या ससुराल वालों के खिलाफ जिला चम्बा में दर्ज किए गए हैं। महिलाओं के खिलाफ अत्यधिक हिंसा के ये सभी हिंसक अपराध के मामले घर पर आदतन यातना की छोटी घटनाओं के रूप में शुरू होते हैं। घरेलू हिंसा को कम करने के लिए, वर्ष 2019 में मई महीने से एक स्थाई आदेश प्रक्रिया (एस०ओ०पी०) बनाई गई और लागू की गई, जहां घरेलू हिंसा (डीवी) शिकायतों का एक केंद्रीय डेटाबेस जिला मुख्यालय में तैयार किया गया, जिसे मासिक रूप से अपडेट किया जा रहा है।
डीवी की शिकायत पर जो भी कार्रवाई की जाती है, जैसे कि समझौता, कलंद्रा तैयार करना, डी०वी०ओ० अधिनियम के तहत सी०डी०पी०ओ० को पार्टियों को अग्रेषित करना इत्यादि, नियमित निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए घरेलू हिंसा की बार-बार घटनाओं को रोकने के लिए एक तंत्र स्थापित किया गया।
हर 15 वें दिन, शिकायतकर्ता से उसके मोबाइल नंबर (यदि उपलब्ध हो) पर संपर्क किया जाता था या व्यक्तिगत रूप से एक महिला कांस्टेबल को सौंपा जाता था, जो शिकायतकर्ता के घर पर व्यक्तिगत रूप से जाती थी, और शिकायतकर्ता से बात करने के बाद एक रिपोर्ट बनाई जाती थी। इसके पर्यवेक्षण के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है।
यदि पुलिस रिपोर्ट में घरेलू हिंसा की दृढ़ता पाई गई, तो संबंधित एसएचओ द्वारा आगे की कार्रवाई की गई है। जिन मामलों में शिकायतकर्ता लगातार 6 महीने तक Domestic Violence Free (डीवीएफ) है, उसका नाम सूची से हटा दिया गया। जिला चंबा में, 2019 तक, इस तरह से कुल 461 शिकायतकर्ताओं पर नजर रखी गई है और 91 नामों को अब तक सूची से हटा दिया गया है।मामले की पुष्टि करते हुए चंबा की पुलिस अधीक्षक डॉ मोनिका ने बताया कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध को रोकने के लिए चंबा पुलिस हमेशा तत्पर है












