(अभिजोत सिंह ) मन में कुछ कर दिखाने का जब्जा हो तो इंसान दूसरों के लिए मिसाल कायम कर सकता है। यह कहना है देश की दूसरी मुस्लिम आईपीएस महिला अंजुम आरा का । इसके पहले मुंबई की रहने वाली गुजरात कैडर की सारा रिज़वी पहली मुस्लिम महिला आइपीएस बनी थीं। 2011 बैच की आईपीएस अंजुम आरा ने पुलिस अधीक्षक सोलन की कमान 19 फरवरी 2016 संभाली और पहले ही दिन बेख़ौफ़ अंजुम आरा ने सट्टे बाजों पर नकेल कसने के लिए चंबाघाट में चल रहे सटोरियों के गढ़ पर रेड मार दी और मीडिया के माध्यम से शहर में चल रहे अवैध धंधो में संलिप्त अपराधियों को सुधरने की चेतावनी दी अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा |
इसी तरह एक के बाद एक एस पी सोलन ने शराब माफिया , चरस माफिया पर लगातार रेड डाल कर अपराधियों को धर दबोचा | यही नहीं कई मर्डर मिस्ट्रीयों जिनमे कोई सुराग नहीं था उनकों भी कुछ ही समय में अपनी सूझ बूझ से सुलझा कर अपराधियों को सलाखों के पीछे डाल दिया आज आलम यह है की आज अपराधी उनके नाम से भी खौफ खाने लगे है |
वहीँ दूसरी तरफ महिलाएं उन्हें अपना आदर्श मान कर उनकी तरह ही नाम कमाना चाहती है शहर में यातायात को सुचारू करने के लिए अन्य जिला के अन्य अधिकारियों के साथ रोड़ मैप तैयार किया अब सोलन में यातायात की समस्या को हल करने में जुटी है साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए नवीन तकनीक को लेकर मोबाईल एप भी तैयार की है जिसे पाकर महिलाएं भी खुश है
अंजुम आरा साल 2011 बैच की आईपीएस अधिकारी और वर्तमान में सोलन की आरक्षी अधीक्षक हैं। इससे पूर्व वे शिमला की एएसपी व एसपी साइबर क्राइम रही हैं । आजमगढ़ जिले के कमहरिया गाँव के रहने वाले ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग में कनिष्ठ अभियंता के पद पर कार्यरत अयूब शेख की दूसरे नंबर की संतान अंजुम आरा की प्रारंभिक शिक्षा सहारनपुर (उप्र) के गंगोह में हुयी। यहां के आर्य कन्या इंटर कालेज से हाईस्कूल व एचआर इंटर कालेज से उन्होने इंटर की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसके बाद वे लखनऊ के एक इंजीनियरिंग कालेज से बीटेक की प्रथम श्रेणी में डिग्री हासिल की। उन्होंने आइपीएस के 2011 बैच की परीक्षा उत्तीर्ण की है। उनके पति, यूनुस भी एक आईएएस अधिकारी है शिमला में अपर उपायुक्त के पद पर कार्यरत हैं।[3]