किसानों ने एपीएमसी सोलन को विक्रय किया 09.20 करोड़ का मटर ,संकट की घड़ी में उचित निर्णयों से कृषक वर्ग की चिंताओं का समयबद्ध निवारण

कोरोना वायरस के खतरे के कारण 24 मार्च, 2020 से प्रदेश में घोषित कर्फ्यू के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने जहां आम व्यक्ति के जीवन को सरल बनाने के लिए विशिष्ट प्रयास किए वहीं किसानों को विभिन्न माध्यमों से सुविधाएं प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। प्रदेश सरकार के इन निर्णयों से एक ओर आम जनता को घरद्वार के समीप सुविधाएं प्राप्त हुई वहीं दूसरी ओर किसानों को व्यापक लाभ भी मिला।
सोलन जिला में प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों को जिला प्रशासन द्वारा पूर्ण तत्परता के साथ लागू किया गया। इससे कृषक अपनी उपज समय पर मंडियों तक पहुंचा पाए और कृषि योग्य भूमि में आवश्यक फसलें समय पर उगा पाए।

कर्फ्यू घोषित होने एवं विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के थमने पर कृषक वर्ग को अपनी उपज के खेत में ही बर्बाद होने और समय पर बीज न मिलने का खतरा सताने लगा था। ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने कृषक वर्ग की चिंताओं के दृष्टिगत त्वरित एवं दूरगामी निर्णय लिए।
प्रदेश सरकार के निर्णय के अनुरूप सोलन जिला में कार्यरत सभी 22 कृषि विक्रय केन्द्रों को तुरंत खोला गया। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कोविड-19 कर्फ्यू पास जारी किए गए। कृषि विभाग ने कर्फ्यू के दृष्टिगत किसानों को उनके घर पर ही विशेषज्ञ सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए जिला में तैनात विभाग के 15 अधिकारियों के मोबाईल एवं दूरभाष नम्बर जारी किए। किसानों को इन मोबाइल एवं दूरभाष नम्बरों की जानकारी देने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। किसानों को दूरभाष के माध्यम से सभी प्रकार की जानकारियां उपलब्ध करवाई गई।

कृषि विभाग ने रबी मौसम में तैयार होने वाली फसलों की कटाई के लिए कार्य योजना तैयार की और विषयवाद विशेषज्ञ और कृषि प्रसार अधिकारियों के माध्यम से इस विषय में किसानों को जानकारी दी गई। सोलन जिला को बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन में अग्रणी जिला माना जाता है। कृषि विभाग ने जिला में उगाई जाने वाली मटर, गोभी, टमाटर, शिमला मिर्च इत्यादि की फसल को न केवल मण्डियों तक पहुंचाया अपितु कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) सोलन के माध्यम से यह भी सुनिश्चित बनाया कि बेमौसमी एवं नकदी फसलों को खेत से ही क्रय किया जाए।

सभी किसानों को सम्बन्धित उपमंडलाधिकारियों द्वारा कृषि उत्पाद विपणन समिति तक अपनी उपज पहुंचाने के लिए समयबद्ध कर्फ्यू पास जारी किए गए। इससे विशेष रूप से सोलन जिला के वह किसान लाभान्वित हुए जो नकदी फसलों, बेमौसमी सब्जियों और गेहूं इत्यादि की फसल से सम्बद्ध हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के मध्य सुरक्षित तरीके से लाभान्वित करने के लिए किए गए प्रयास पूर्ण रूप से सफल भी रहे हैं। एपीएमसी सोलन द्वारा 24 मार्च, 2020 से 06 मई 2020 तक 09.20 करोड़ रुपये व्यय कर 4000 मीट्रिक टन मटर का क्रय किया गया। एपीएमसी सोलन ने न केवल जिला सोलन अपितु जिला सिरमौर और जिला शिमला के साथ-साथ जिला मंडी के करसोग से भी मटर क्रय किया।

इस अवधि में कृषि विभाग ने सोलन जिला में 15180 हैक्टेयर पर गेहूं की फसल की कटाई भी सुनिश्चित बनाई। इसमें 700 हैक्टेयर सोलन, 400 हैक्टेयर कंडाघाट, 3640 हैक्टेयर धर्मपुर, 1800 हैक्टेयर कुनिहार तथा 8640 हैक्टेयर क्षेत्र में नालागढ़ खंड में गेहूं की फसल की कटाई की गई। विभाग ने गेहूं की फसल की कटाई, गहाई व बीज भराई के उपरांत नालागढ़ के मंझोली में गेहूं बीज का भंडारण करवाया तथा भारतीय खाद्य निगम के पंजाब राज्य के भरतगढ़ तथा घनोली एवं अनाज मंडी चंडीगढ़ में गेहूं का भंडारण करवाया। कृषि विभाग ने इस अवधि में जिला के 645 हैक्टेयर क्षेत्र पर जौ, 1200         हैक्टेयर क्षेत्र पर जौ, 40 हैक्टेयर क्षेत्र पर चना तथा 2090 हैक्टेयर क्षेत्र पर मटर की तैयार फसल का उचित निपटारा भी सुनिश्चित बनाया।

कृषि विभाग ने इस अवधि में किसानांे को निर्देशानुसार बीज, कीटानाशक दवाईयां एवं औज़ार उपलब्ध करवाए। किसानों को सोशल डिस्टेन्सिग नियम का पालन करने के विषय में समझाया गया और फसल कटाई तथा अन्य कार्यों में संलग्न किसानों को मास्क तथा सेनेटाइजर भी प्रदान किए गए।

जिला के अर्की उपमंडल की ग्राम पंचायत बखालग के बणिया देवी के भगतराम शर्मा, देवीचंद, मेहरचंद तथा गांव बथालंग के सागरचंद सहित अनेक अन्य किसानों का कहना है कि प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन सोलन के प्रयासों से न केवल जिला की बेशकीमती उपज मंडियों तक पहुंची है अपतिु किसानों को उचित मूल्य भी मिला है। सभी किसानों ने संकट के इस समय में प्रदान की गई सहायता के लिए मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है।

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