मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि लोक निर्माण विभाग की सभी परियोजनाओं में गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित बनाया जाए और सरकार लापरवाही बरतने वाले अधिकारियांे के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करेगी। इसके अतिरिक्त संबंधित ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और निविदाओं में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वह आज आज यहां लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुख्य अभियन्ताओं और अधीक्षण अभियन्ताओं को हर माह कम से कम दो सड़कों, एक पुल और एक भवन परियोजना का दौरा कर प्रगति का निरीक्षण कर सरकार को रिपोर्ट भेजनी चाहिए, इससे जहां परियोजनाओं के कार्य में तेजी आयेगी, वहीं गुणवत्ता भी सुनिश्चित होगी।
विभाग के कुछ कार्यों में गुणवत्ता में कमी पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का आकलन करने के बिना अदायगी नहीं की जाए। उन्होंने कहा कि तकनीकी और पर्यवेक्षी स्टाफ को प्रशिक्षण प्रदान की जाए ताकि वे आधुनिक तकनीकों की जानकारी प्राप्त कर सकें।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत इस वित्त वर्ष प्रदेश की 230 बस्तियों में 4960 किलोमीटर लम्बी सड़कों के निर्माण के लिए 1666 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन में छूट के उपरान्त 1428 सड़कों, पुलों और भवन निर्माण परियोजनाओं पर कार्य आरम्भ किया गया है, जिससे लगभग 16,450 श्रमिक लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि अगर बड़े पैमाने पर श्रम शक्ति उपलब्ध न हो तो उस स्थिति में स्थानीय श्रमिकों को कार्य में लगाया जाए ताकि इन परियोजनाओं का कार्य निर्धारित समय में पूरा किया जा सके।
उन्होंने कहा कि विश्व बैंक ने हिमाचल प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसफोर्मेशन प्रोजेक्ट-2 के अन्तर्गत हि.प्र. यातायात संस्थानों एवं रेजिलेंस, बागवानी को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ सड़कों में सुधार, आर्थिक वृद्धि और सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए 615 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के दूसरे घटक के अंतर्गत 44.95 किलोमीटर बरोटीवाला-बद्दी-साईं-रामशहर सड़क, 13.50 किलोमीटर दधोल-लदरौर सड़क, 2.70 किलोमीटर रघुनाथपुरा-मण्डी-हरपुरा-भराड़ी सड़क और 28 किलोमीटर मण्डी-रिवाल्सर-कलखर सड़क का उन्नययन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग की तर्ज पर इस वित्त वर्ष के दौरान पांच वर्षों की मुरम्मत के लिए पायलट आधार पर 10 करोड़ रुपये तक की लागत वाले कार्यों को ठेके के आधार पर लोक निर्माण विभाग द्वारा अभियान्त्रिकी, खरीद और निर्माण (ईपीसी) के तहत लिया जाएगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य की कुल 3226 ग्राम पंचायतों में से 3142 पंचायतों को मोटर योग्य सड़कों से जोड़ा जा चुका है और 84 पंचायतों को जोड़ने का कार्य विभिन्न स्तरों पर प्रगति पर है। राज्य सरकार मुख्य बस्तियों को जोड़ने के कार्य पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों की वार्षिक मुरम्मत के लिए 306 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों की मैटलिंग और टारिंग करने का समय सीमित है, इसलिए ऐसे कार्यों को समयबद्ध पूरा करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।
प्रधान सचिव पीडब्ल्यूडी जेसी शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कार्यवाही का संचालन किया।
मुख्य सचिव अनिल खाची, प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, इंजिनियर-इन-चीफ पीडब्ल्यूडी भवन शर्मा, इंजिनियर-इन-चीफ परियोजना ललित भूषण, मुख्य अभियंता और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया।