चंद सप्ताह पहले ही डीजीपी डिस्क अवार्ड से अलंकृत की गई महिला सब इंस्पेक्टर प्रियंका ठाकुर पर ढाबो मोहल्ला की रहने वाली सोनिया पंवार ने गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तार करने का संगीन आरोप लगाया है। करीब-करीब तीन महीने से न्याय के लिए भटक रही सोनिया ने आज भरी आंखों से मीडिया के सामने अपना दुखड़ा साझा किया, क्योंकि उसे न तो एसपी और पर ही मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से मदद मिली।
महिला सोनिया का कहना है कि एक झगड़े के सिलसिले में वो कच्चा टैंक पुलिस चौकी 21 मार्च को गई थी। महिला ने कहा कि जिसके खिलाफ वो शिकायत करने गई थी, वो चौकी में उसके साथ लड़ने लगी। न्याय देने की बजाय पुलिस ने उसी से गाली गलौज की। साथ ही मार पिटाई भी की। चक्कर आने पर एम्बुलेंस में भी नहीं जाने दिया। हद उस समय हो गई, जब उसे मेडिकल के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। सोनिया का कहना है कि गैर कानूनी तरीके से उसकी गिरफ्तारी की गई, जो उसके कैरियर व जीवन पर एक दाग की तरह लग गया है। वो अपने बच्चों को भी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि उसने एक रात कहां बिताई थी।
सोनिया का कहना था कि चौकी में इसी दौरान सब इंस्पेक्टर प्रियंका ठाकुर भी पहुंच गई। एक अन्य महिला पुलिस कर्मी तपेंद्रा ने भी थप्पड़ मारे। सोनिया ने कहा कि जब उसने सवाल किया कि उसे क्यों गिरफ्तार किया गया है तो महिला पुलिस कर्मी ने कहा कि तूने प्रियंका मैडम से बदतमीजी की है, जिनके हाई काॅन्टैक्ट हैं। सोनिया ने कहा कि वो तीन महीने से एसपी कार्यालय के चक्कर काट रही है। सोनिया ने कहा कि अगर मैडम व अन्य महिला पुलिस कर्मियों ने गलती नहीं की थी तो उसे काॅल कर डराने की कोशिश क्यों की गई। बताया जा रहा है कि महिला पुलिसकर्मी तपेंद्र आने उसको फोन कर धमकाने की कोशिश की जिसके रिकॉर्डिंग भी महिला ने की हुई है
बहरहाल सवाल यह उठता है कि क्या सोनिया पंवार की गिरफ्तारी में कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्राॅसिजर 1973 की सेक्शन-46 के प्रावधान की पालना की गई है या नहीं। गिरफ्तारी के समय महिला सब इंस्पेक्टर ने अरेस्ट मैमो में क्या लिखा था, क्योंकि आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि सब इंस्पेक्टर ने वर्दी नहीं पहनी हुई थी। कानूनी जानकारों की माने तो किसी सीनियर क्राइम के अलावा किसी महिला को देर शाम के बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता इसी कारण इस गिरफ्तारी को अवैध बताया जा रहा है
उधर एसपी अजय कृष्ण शर्मा का कहना है कि इस मामले में एसएचओ व डीएसपी द्वारा जांच की गई है। मामले में महिला के आरोप साबित नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि सब इंस्पेक्टर द्वारा वर्दी नहीं पहनी गई थी, क्योंकि उसे जल्द ही चौकी पहुंचने को कहा गया था। उनका कहना था कि दोनों ही महिलाओं को इस कारण डिटेन किया गया था, क्योंकि बड़ी घटना की आशंका थी।