हिमाचल प्रदेश राज्य आपूर्ति निगम को उपभोक्ताओं को श्रेष्ठ सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए अपनी गतिविधियों में विविधता लाकर अधिक व्यवहारिक बनाना चाहिए। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात आज राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के बोर्ड आॅफ डायरेक्टर्ज की 162वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम ने वर्ष 2018-19 में 1359.11 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2019-20 में 1428 करोड़ रुपये मूल्य विभिन्न वस्तुओं का विक्रय किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 1516.21 करोड़ रुपये की बिक्री का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 के दौरान निगम की आय 1955 करोड़ रुपये हुई है, जिसमें विभिन्न वस्तुओं की बिक्री के अतिरिक्त राज्य सरकार/भारत सरकार द्वारा अंतर लागत की प्रतिपूर्ति के 416 करोड़ रुपये, क्लोजिंग स्टाॅक के 100 करोड़ रुपये, विविध आय से छह करोड़ रुपये जिसमें ट्रकों से आय, किराया, एलपीजी निरीक्षण और स्थापन, कमिशन आदि से तथा सीमेंट, जीआई/डीआई/सीआई पाइपों, दवाओं और वर्दियों के हैंडलिंग चार्जिज के 4.5 करोड़ रुपये शामिल हैं।
जय राम ठाकुर ने कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य के दूर-दराज क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य नागरिक आपूर्ति निगम की भूमिका की सराहना की। उन्होंने निगम को आदेश दिया कि राज्य सरकार के सभी विभागों विशेषकर लोक निर्माण विभाग को सीमेंट आपूर्ति समयबद्ध तरीके से की जाए, जिससे निर्माण तथा अन्य नागरिक कार्यों में किसी प्रकार की देरी न हो।मुख्यमंत्री ने निगम के अधिकारियों को निगम की कार्यप्रणाली को उपभोक्ता मित्र बनाने के लिए अन्य राज्यों की निगमों के माॅड्यूलज को भी अध्ययन करने के निर्देश दिए।बैठक में बोर्ड के निदेशकों ने फील्ड इकाइयों के मासिक व्यापार प्रोत्साहन शुल्क को 250 से 500 रुपये करने को स्वीकृति प्रदान की।
राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा निगम की विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। निगम के प्रबन्ध निदेशक आबिद हुसैन सादिक ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।बैठक में बोर्ड के निदेशक, अतिरिक्त मुख्य सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान, रजिस्ट्रार काॅपरेटिव सोसायटी डाॅ. अजय शर्मा, विशेष सचिव वित्त राजेश शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।