मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने वीरभद्र सिंह की एफआईआर रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया है यानी उनके खिलाफ सीबीआई जांच जारी रहेगी। सीएम के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि सीबीआई ने वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में एफआईआर दर्ज करने की इजाजत नहीं ली थी। सीबीआई ने जब 23 सितंबर 2015 को एफआईआर दर्ज की थी और उस वक्त वीरभद्र मुख्यमंत्री के पद पर थे। वीरभद्र सिंह की ओर से तर्क था कि दिल्ली पुलिस विशेष स्थापना अधिनियम के सेक्शन 5 और 6 के तहत सीबीआई को संबंधित अधिकारी से इसकी पहले इजाजत लेनी चाहिए थी। ऐसे में सीबीआई की एफआईआर को रद्द किया जाए लेकिन कोर्ट ने उनकी यह दलील नहीं मानी।
क्या है मामला
आरोप है कि यूपीए सरकार के दौरान जब वीरभद्र सिंह इस्पात मंत्री थे उन्होंने 2009 से 2011 के बीच 6.1 करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित की थी। आरोपों के मुताबिक, सीएम ने केंद्रीय मंत्री के पद पर रहते हुए अपने और घरवालों के नाम जीवन बीमा पॉलिसियों में एलआईसी एजेंट चौहान के माध्यम से 6.1 करोड़ रुपए का निवेश किया।