उपमंडल पांवटा साहिब के हरिपुर टोहाना में कृषि कानून के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने महा पंचायत के आयोजन किया गया। जिसमें हरियाणा,पंजाब, उत्तराखंड सहित स्थानीय किसान नेताओं भाग लिया।
पांवटा साहिब के हरीपुर टोहाना में आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत कार्यक्रम में किसान नेता राकेश टिकैत ने अपने संबोधन में कहा की केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये तीन कृषि कानून किसानों को बरबाद करने वालें कानून है। उन्होंने कहा कि अंग्रेज भी बात करके हल निकालती थी लेकिन यह तानाशाह सरकार बात करने को तयार ही नहीं है। आम आदमी किसान हितों की लड़ाई लड रहा है, देश के सभी संपत्तियों को बेचने का काम किया जा रहा है तथा किसानों को दबाने का काम किया जा रहा है। राकेश टिकैत ने कहा कि पहाड़ के किसान को मंडियों तक पहुंचाने की व्यवस्था सरकार करे और जंगली जानवरों से फसलों को नुकसान पहुंचाने के लिए किसानों को मुवावजा दे। सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की पेंशन बंद कर दी है लेकिन सांसद और विधायकों को चार चार पेंशन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिसको देश सौंपा है वह देश बेचने का काम कर रही है। सरकार बनाने का काम सड़कें व विकास करने का काम होता है लेकिन साथ साल से सरकार का काम मंदिरों बनाने में बीत गया। जब तक केंद्र सरकार तीन कृषि कानून को वापिस नहीं करेगा तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड ने कहा की दिल्ली में बैठी तानाशाह सरकार को जगाने के लिए किसानों को एकजुट होना होगा साथ ही कहा कि जो आदोलन चल रहा है ये आदोलन मात्र किसान संगठनों का नहीं यह आदोलन देश के 80 करोड़ किसानों का है। उन्होंने कहा कि हमारी किसी राजनैतिक पार्टी के साथ कोई निजी दुशमनी नहीं है लेकिन जो पार्टी देश के किसानों को दबाना चाहते है उन्हें किसान नहीं बख्शने वालें है। उन्होंने कहा कि अगर कृषि कानून इतने अच्छे है तो पांच राज्यों में चल रहे चुनाव में कृषि कानून के नाम वोट क्यों नहीं मांगते अगर प्रधानमंत्री में दम है तो एक बार कृषि कानून के नाम पर वोट मांग कर देख ले देश की जनता अपने आप जबाब दे देगी। विश्व में भारत देश के किसानों का ढंका बज रहा है। इतने लंबे समय से किसान आंदोलन शांतिपूर्वक रूप से चल रहा है।