सिरमौर जिले में सड़क के अभाव में जंगल में ही बच्चे को महिला ने दिया जन्म

हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार के गृह क्षेत्र पच्छाद उपमंडल की बाग पशोग पंचायत के रिसत्तर काटली गांव की एक दलित महिला ने सड़क के अभाव में मुख्य सड़क तक पहुंचने से पहले ही जंगल में बच्चे को जन्म दे दिया। इसी दौरान 108 एंबुलेंस के कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने बच्चे की सफलतापूर्वक डिलीवरी के दौरान उसकी नाल काटकर जच्चा-बच्चा को सराहां अस्पताल पहुंचाया ।बता दें कि पच्छाद विधानसभा क्षेत्र प्रदेश की राजनीति में एक अहम स्थान रखता है।

मगर आज भी यह क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। विधानसभा क्षेत्र में आज भी दर्जनों गांव ऐसे हैं। जहां पर सड़क सुविधा नहीं है। जिसके चलते कभी मरीज को पालकी में मुख्य सड़क तक पहुंचाया जाता है। तो कभी गर्भवती महिलाएं जंगल में ही शिशुओं को जन्म दे देती हैं। कांग्रेस की सरकारों में यहां से जीआर मुसाफिर प्रतिनिधित्व करते रहे। वहीं अब विद्यायक रीना कश्यप, सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप के अलावा बलदेव भंडारी भी मौजूदा सरकार में अहम ओहदों पर काबिज हैं।

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मगर इसी बीच एक ऐसी खबर आई है, जो झकझोर रही है। बागपशोग की काटली गांव की एक महिला ने वीरवार सुबह जंगल में ही शिशु को जन्म दे दिया। प्रसूति में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के अलावा महिला की सास ने काफी हिम्मत दिखाई। तड़के सुबह 5 बजे के आसपास हुई डिलीवरी में 108 कर्मी भी मददगार साबित हुए। हालांकि ईएमटी व पायलट के पहुंचने से पहले प्रसूति हो चुकी थी, लेकिन ईएमटी ने मौके को संभाल कर नाल को अलग किया। हैरान कर देने वाली बात ये है कि आदर्श विधानसभा क्षेत्र माने जाने वाले पच्छाद में इस तरह की तस्वीर सामने आई है।

बता दें कि इसी पंचायत को देश का पहला शी हाॅट शुरू करने का श्रेय भी हासिल है। इस पंचायत में गांव तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पा रही तो लाजमी तौर पर चिंता का विषय है। पारिवारिक जानकारी के मुताबिक विजय बाला ने सुबह 5 बजे के आसपास जंगल में ही बेटे को जन्म दिया। इसके बाद 108 की मदद से जच्चा व बच्चा को सराहां अस्पताल पहुंचाया गया। सराहां-डिलमन मार्ग पर मलाड़ी तक एंबुलेंस पहुंची थी।

ग्रामीणों का कहना है कि पानवा-धरोटी संपर्क मार्ग का सर्वे काफी अरसा पहले हो चुका है। मौजूदा पंचायत प्रधान ने ग्रामसभा में इसे प्राथमिकता में डाला है। उल्लेखनीय है कि काटली में अनुसूचित जाति की आबादी है। कई मर्तबा ऐसी खबरें अवश्य मिलती हैं, जब 108 में किलकारी गूंजती हैं। मगर मौजूदा आधुनिक समय में इस तरह की खबरें निश्चित तौर पर बेहद ही पिछड़ेपन का अहसास करवाती हैं। दीगर है कि गर्भवती महिलाओं की संस्थागत प्रसूति को लेकर कई योजनाएं भी चल रही हैं।

उधर पच्छाद के खंड चिकित्सा अधिकारी डाॅ. संदीप शर्मा ने कहा कि जच्चा व बच्चा को अस्पताल में दाखिल किया गया है। 108 में जच्चा व बच्चा को अस्पताल पहुंचाया गया था, दोनों ही स्वस्थ हैं।

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