प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पांवटा साहिब के सिविल अस्पताल में “पीएम केयर योजना” के अंतर्गत स्थापित 1000 एलपीएम ऑक्सीजन प्लांट का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया। इस दौरान ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, सीएमओ सिरमौर संजीव सहगल सहित भाजपा के दिग्गज नेता व अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम दौरान पत्रकारों को उस समय तिरस्कार का सामना करना पड़ा, जब इतने बड़े कार्यक्रम की कवरेज करने व इस पल को ऐतिहासिक बनाने की मंशा से पहुंचे दर्जनों पत्रकार को बैठने के लिए एक भी कुर्सी नसीब नहीं हुई। लगभग एक घंटा खड़े होकर पत्रकार स्थिति का जायजा लेते रहे और जब सब्र का बांध टूटा तो सब पत्रकार कार्यक्रम दौरान फर्श पर बिछाए गए मैट पर जाकर बैठ गए।
जहां से पत्रकार अपने कर्तव्य का पालन करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्चुअल कार्यक्रम कवर करते रहे। हालांकि इस दौरान वीडियो कवरेज के लिए पत्रकारों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। कार्यक्रम आयोजक स्वास्थ्य विभाग यह सब मुख दर्शक बनकर देखता रहा। लेकिन मीडिया कर्मियों के लिए कोई उचित व्यवस्था न कर सका।
आलम यह रहा कि मीडिया कर्मियों द्वारा जब उपस्थित वॉलिंटियर्स से पानी मांगा गया, तो वह भी नसीब नहीं हुआ। हालांकि कार्यक्रम दौरान ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने उपायुक्त सिरमौर को व्यवस्था संभालने का इशारा किया। लेकिन तब तक बहुत तेज देर हो चुकी थी, लगभग कार्यक्रम आधा अधूरा कवर कर मीडिया निकल चुका था।
मीडिया कर्मियों की नाराजगी राजनीतिक दल से नहीं है, लेकिन यह जग जाहिर जरूर हुआ है कि पोंटा अस्पताल के डॉक्टरों का पत्रकारों के प्रति नकारात्मक रवैया किस कद्र रहा है। जाहिर हो कि मीडिया अक्सर अस्पताल में पेश आ रही समस्याओं व विभागीय कर्मियों द्वारा बरती गई लापरवाही को समय-समय पर उजागर करता रहा है, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कुछ डॉक्टर पत्रकारों के प्रति नकारात्मक सोंच रखते हैं।
वही इस प्रकरण से अस्पताल प्रबंधन की पोल खुल गई है अस्पताल का प्रबंधक देख रहे अस्पताल प्रभारी डॉक्टर अमिताभ जैन 1 दिन पूर्व भी मीडिया से उलझ गए थे यही नहीं बदतमीजी पर उतारू डॉक्टर अमिताभ जैन पत्रकारों के आई कार्ड मांगते फिर रहे थे और बोल रहे थे मेरा अस्पताल का इलाका है अब 25 साल से मलाई चाट रहे और इसी हॉस्पताल का टेंडर भरकर इसी अस्पताल में नौकरी कर रहे डॉक्टर को कौन समझाए कि अस्पताल किसी के बाप का नहीं है यह सार्वजनिक जगह है यही नहीं बदतमीजी पर उतारू डॉक्टर अमिताभ जैन को यह नहीं दिखा कि उनके सीनियर अधिकारी सीएमओ डॉक्टर संजीव सहगल व डीसी सिरमौर खुद मौके पर है आई कार्ड मांग रहे डॉक्टर को यह नहीं पता कि संपादक का आई कार्ड मांगा जा रहा है
शिकायत होने के बावजूद अभी तक सीएमओ डॉ संजीव सहगल ने बदतमीजी करने वाले वे आई कार्ड मांगने वाले डॉक्टर अमिताभ जैन के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है गौरतलब है कि डॉक्टर अमिताभ जैन डेंटल में तैनात अपनी पत्नी के खिलाफ खबर लगने से पहले ही खुंदक में थे गौरतलब है कि डेंटल में तैनात डॉक्टर मरीजों को नहीं देख रहे थे जिसके बाद कुछ समय पहले खबर प्रकाशित की गई थी 2 दिन पहले एक अन्य डॉ पीयूष तिवारी द्वारा बदतमीजी की पुलिस में शिकायत की खबर के बाद अस्पताल प्रबंधन की पोल खोलने से और बोखला गए थे
आलम यह है कि पत्रकारों के अलावा पांवटा अस्पताल के डॉक्टर तीमारदारों से भी उलझ पड़ते हैं। बीते दिन ही एक डॉक्टर के खिलाफ बदसलूकी करने की शिकायत पोंटा थाना में दर्ज हो चुकी है।
देखने योग्य बात यह भी होगी कि ऊर्जा मंत्री इस व्यवस्था को लेकर किसी तरह का एक्शन लेते हैं या नहीं..! अधिकारियों के प्रति हिमाचल सरकार के नरम रवैये का कई बार भाजपा सरकार खामियाजा भुगत चुकी है। यह पहला मौका नहीं है जब स्वास्थ्य विभाग ने देश के प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में इस तरह की बड़ी लापरवाही बरती हो। प्रदेश में कई मर्तबा अधिकारी मुख्यमंत्री तक को शर्मसार कर चुके हैं।
गौरतलब हो कि पीएम नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को देश के कई राज्यों के साथ हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट का उद्वघाटन किया है।