आखिर जनता कब तक सहेगी पांवटा साहिब सिविल हास्पिटल के जख्म , तीन विधानसभा क्षेत्र के मरीज हो रहें हैं बेहाल

आज बहुत ही दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि जो अस्पताल दो नहीं तीन विधानसभा क्षेत्र का सबसे बड़ा और सुन्दर अस्पताल है जिसमें शिलाई ओर पांवटा विधानसभा क्षेत्र के साथ साथ नाहन विधानसभा क्षेत्र के भी मरीज़आते है उस अस्पताल पर आज सवालिया निशान लग रहें है जिसमें सबसे बड़ी मांग है अल्ट्रासाउंड मशीन का चलना जो अस्पताल में सालों से धूल हांक रहीं जिसको चलाने के लिए पिछले 6 सालों से रेडियोलॉजिस्ट या टेक्निशियन की नियुक्ति नहीं हो पाई

दूसरा हासपिटल में कमिशनखोरी के संगीन आरोप लग रहे है जो कि बहुत ही शर्मनाक बात है हम जिन चिकित्सकों को ईश्वर का रूप मानते है वहां यह गोरखधंधा बेलगाम चला है आज जो भी सामाजिक संस्थाओं ने आन्दोलन का रुख़ अख्तियार किया है यह वह सब शख्स है जिन्होंने इस अस्पताल में जख्म खाए है और दूसरों के देखें है आखिर हमारे स्थानीय नेता और प्रशासन कब तक इस दशा को निहारते रहेंगे ,

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हमने कोरोना काल में इसी अस्पताल में निस्वार्थ भाव से 42 दिन सेवाएं इसी लिए दी थी ताकि हम किसी जरूरतमंद लोगों के लिए कुछ सहारा बन सकें परन्तु दुर्भाग्य है कि जिस अस्पताल में 150 बेड की व्यवस्था है वहा आज अल्ट्रासाउंड मशीन को चलाने के लिए अभी तक कोई नियुक्ति नहीं हो पाई है , आज जहां गरीब लोगो को अल्ट्रासाउंड के लिए बहारी अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है और दूरदराज क्षेत्रो से आई हमारी माताएं, बहनो को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है वहीं अस्पताल में व्यवस्था न होने के कारण मरीज रास्ते में ही दम तोड देता आखिर हम कब स्वास्थ्य विभाग को जवाबदेही बनाएंगे क्या आज छोटी छोटी व्यवस्थाओं के लिए भी आन्दोलन व अनशन का रुख़ अख्तियार करना पड़ेगा

जिस स्वतन्त्र भारत में हम जी रहे है वहां आज भी हम मूलभूत सुविधाओं के लिए भी वंचित है मैं इस अस्पताल के लापरवाही का खुद शिकार हुआ हूं जब मेरी बेटी बीमार थी जिसको मात्र बुखार था और नर्सों ओर डाक्टर के लापरवाही से शाम तक बुखार 103 डिग्री तक चला जाता है और शाम को जब डॉक्टर को बुलाया जाता है तो जबाब मिलता है कि आप इसे चण्डीगढ़ या इंद्रेश अस्पताल ले जाओ नहीं तो बच पाना मुश्किल है ,यह तो ईश्वर की गनिमत रहीं की मेरी बेटी इंद्रेश अस्पताल में स्वस्थ हो गई परन्तु पांवटा अस्पताल में नर्सों की लापरवाही ओर डाक्टर के नकारात्मक रवैया ने मुझे रोने के लिए विवश कर दिया जब मेने अपनी 2 वर्ष की बेटी की दयनीय स्थिति देखी ,आखिर हम कब एक जागरुक नागरिक होने के नाते राजनीति से ऊपर उठकर स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषय में एकजुटता दिखाएंगे ओर आने वाले अपने भविष्य को सुरक्षित कर पाएंगे आज जरुरत है सभी भाई, बहनों की हम एकजुट होकर इस अव्यवस्था को स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन को जवाबदेही बनाया जाए अन्यथा हम आने वाले समय में भी इसी अव्यवस्था के शिकार होते रहेंगे

मैं उम्मीद करता हूं की हम सभी एकजुट होकर इस गंभीर विषय पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे लेखक -हेमराज राणा ।

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