हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती घोटाला सुर्खियों में है प्रदेश ही नहीं देश में भी इस पुलिस भर्ती घोटाले के चर्चे हो रहे हैं तथा हिमाचल पुलिस जिसकी छवि देश में सबसे ईमानदार पुलिस की थी अब खराब हो चुकी है तथा पूरे देश में हिमाचल पुलिस भर्ती घोटाले की चर्चा है
प्रदेश के कई हिस्सों में लाखों रुपए देकर पेपर खरीदने वाले भी गिरफ्तार हुए हैं कई जगह f.i.r. दर्ज हो चुकी है मामले की जांच को लेकर एसआईटी बना दी गई एसआईटी का एक अधिकारी भी इस घोटाले में आरोपी बन सकता है इस आईपीएस अधिकारी पर बद्दी के एसपी रहते बद्दी के एमएलए ने पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे यही नहीं प्रदेश के डीजीपी पर भी इस भर्ती में शामिल होने के आरोप लगाए जा रहे हैं तथा डीजीपी संजय कुंडू 15 दिन के लिए छुट्टी चले गए हैं शायद मामले को ठंडा करने के लिए या फिर अपनी टेंशन को दूर करने के लिए
वही सिरमौर से भी पुलिस भर्ती घोटाले के तार जुड़ते नजर आ रहे हैं क्योंकि पुलिस हेडक्वार्टर से पेपर लीक होने की बात सामने आ रही है तथा जिस अधिकारी का नाम सामने आ रहा है उसके लिए सिरमौर के एक हेड कांस्टेबल द्वारा सिरमौर में भी कुछ कैंडिडेट से पैसे लिए जाने की बात सामने आ रही है सिरमौर के पुलिस अधिकारियों को मामले की जानकारी होने के बावजूद अभी तक मामला दर्ज नहीं किया जा रहा पुलिस अधिकारी शिकायत मिलने तथा सबूत इकट्ठे करने की बात कर रहे हैं बताया जा रहा है कि सिरमौर के कई अभ्यार्थियों पर पुलिस के शक की सुई घूम रही है तथा पुलिस उनका रिकॉर्ड भी खंगाल चुकी है परंतु अभी तक पुलिस एफ आई आर दर्ज नहीं कर पाई है
पुख्ता सूत्रों के मुताबिक सिरमौर के एक हेड कांस्टेबल ने एग्जामिनेशन कमेटी से जुड़े एक अधिकारी के लिए अभ्यर्थियों से पैसे इकट्ठे किए थे तथा प्रत्येक अभ्यर्थी से पेपर में पास करवाने के लिए 8 लाख की कीमत वसूली गई थी तथा इन कैंडिडेट के 71 ओर 72 नंबर भी आए हैं अब देखना यह होगा सैकड़ों युवाओं की जिंदगी को दांव पर लगाकर तथा जो गरीब बच्चे मेहनत कर कर अपने मां बाप का सपना साकार करने के लिए पुलिस में भर्ती होने के लिए कई काफी समय से प्रयास कर रहे थे उनको न्याय दिलाने के लिए क्या कार्रवाई की जाएगी
बताया जा रहा है कि सिरमौर के कई कैंडिडेट ऐसे हैं जो शक के दायरे में है तथा सूत्रों के मुताबिक यह कैंडिडेट आईपीएस अधिकारी के लिए हेड कांस्टेबल को 8 लाख देने की बात भी कह रहे हैं तथा एग्जामिनेशन कैंसिल होने के बाद अपने पैसे वापस भी मांग रहे हैं अब देखना यह होगा कि इन कैंडिडेट को शिकायतकर्ता बनाया जाएगा या फिर मुलजिम
वहीं सूत्रों के मुताबिक हाईकोर्ट के एक तेज वकील कल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं यदि ऐसा होता है तो हिमाचल के कई आईपीएस अधिकारियों को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा क्योंकि ऐसा स्पष्ट है कि ऐसे अधिकारियों की मिलीभगत से ही पेपर लीक हुआ है क्योंकि अभ्यार्थियों के मोबाइल नंबर उनकी डिटेल पेपर लीक करने वालों को पुलिस अधिकारियों द्वारा ही उपलब्ध कराई जाने की बात सामने आ रही है यदि प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक हुआ होता तो प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी या अन्य व्यक्ति द्वारा अभ्यर्थियों की डिटेल मोबाइल नंबर हासिल करना इतना आसान नहीं था एग्जामिनेशन कमेटी में शामिल आईपीएस अधिकारियों पर ही आरोप लग रहे हैं कि करोड़ों रुपए की डीलिंग कर पेपर लीक करवाया गया ऐसे में यदि सीबीआई जांच सही तरीके से हुई तो इन आईपीएस अधिकारियों के हाथों में हथकड़ी होगी तथा सारे मामले में प्रदेश के डीजीपी पर भी जांच की आंच आ सकती है