ढ़ालीपुर के पूर्व प्रधान व विकासनगर के आरटीआई कार्यकर्ता इकबाल हसन ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को हिमाचल प्रदेश के पावटा साहिब से उत्तराखंड मैं आ रही अवैध खनन सामग्री के बारे में एक शिकायत पत्र भेजा है
शिकायत पत्र में पूर्व प्रधान इकबाल हसन ने आरोप लगाया है कि पिछले दो दशक से हिमाचल प्रदेश की यमुना नदी में खनन हेतु पट्टे की नीलामी नहीं हुई है व डाकपत्थर बैराज से लेकर बहराल तक लगभग 20 स्टोन क्रेशर स्थापित है और संचालित हो रहे हैं इसरो द्वारा लगभग 80 लाख टन उपखनिज प्रतिवर्ष देहरादून में बेचा जा रहा है इकबाल हसन ने आरोप लगाया कि यह उप खनिज खननपट्टों से ना उठाकर यमुना नदी से उठाया जा रहा है क्योंकि हिमाचल के खनन पट्टों में घास में झाड़ियां हो गई है तथा मिट्टी निकल गई है ऐसे में खनन माफियाओं द्वारा अवैध रूप से यमुना नदी के दोनों किनारों का दोहन किया जा रहा है वन विभाग व खनन विभाग और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से यमुना नदी के दाएं के किनारे अवैध खनन हो रहा है यही नहीं पावटा साहिब से उत्तराखंड जाने वाले गाड़ियों में कम बिल काटकर अधिक माल भरा जाता है जिससे हिमाचल प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व की हानि हो रही है
इकबाल हसन ने बताया कि 6 और 7 मई को खनन सामग्री ले जा रही गाड़ियों को जब देहरादून के वन विभाग के अधिकारियों ने चेक किया तब बिल 16 टन के थे और गाड़ियों में माल 40 टन भरा हुआ था इस विषय में तिमली के वन विभाग की अधिकारी और 3 कर्मचारियों पर विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है तथा उनको कार्यालय से अटैच कर दिया गया है इकबाल हसन ने मांग की है कि जिला खनन अधिकारी सिरमोर उन क्रशर के ऊपर कार्रवाई करें जहां से यह अवैध रूप से खनन सामग्री भरकर लाई जा रही थी
वही जिला खनन अधिकारी सिरमौर सुरेश भारद्वाज ने इकबाल हसन को इस विषय में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए भी एक पत्र लिखा है जिस पर इकबाल हसन का कहना है कि वह आरटीआई के माध्यम से साक्ष्य जुटा रहे हैं तथा जल्दी यह साक्ष्य उपलब्ध करवा दिए जाएंगे