हालांकि जेपी नड्डा ने 20 अगस्त को पांवटा साहिब में इशारों इशारों में बहुत कुछ बता दिया था। लेकिन राजनीति में कुछ भी, कभी भी हो सकता है। जब तक टिकट हाथ में ना आ जाए। पांवटा साहिब में बीजेपी में अगर टिकट के लिए ऊर्जा मंत्री को कोई टक्कर दे सकता है वो है मदन मोहन शर्मा।
पिछली बार भी टिकट मिलते मिलते रह गया था। जेपी नड्डा राष्ट्रीय अध्यक्ष अगर किसी के सबसे करीबी है तो मदन मोहन शर्मा के है। वह जेपी नड्डा से मुलाकात भी कर चुके है।
टिकट की दावेदारी करूंगा, टिकट नहीं मिला तो भी रहूंगा भाजपा के साथ: शर्मा
भारतीय जनता पार्टी के पांवटा मंडल के पूर्व अध्यक्ष मदन मोहन शर्मा ने कहा कि पांवटा सीट से वह भाजपा की टिकट की दावेदारी कर रहे है। उन्होंने कहा कि पार्टी में जो कार्यकर्ता खुद को सक्षम समझता है। वो टिकट मांगने का अधिकार रखता है। टिकट किसको देना है यह फेसला हाईकमान को करना है।
सब मिलकर हिमाचल में भाजपा की सरकार बनाएंगे। मैं भी पार्टी का वफादार सिफाई हुं। इसलिए पार्टी के लिए सब कुछ न्यौछावर कर दूंगा। उन्होंने कहा कि 2002 व 2007 और 2012 और 2017 में पांवटा विधानसभा सीट से सुखराम चौधरी को जिताने के लिए कोई कमी नही रखी है।
20 साल की उम्र में ही मदन मोहन शर्मा जाते थे संघ की शाखा में
मदन मोहन शर्मा ने 20 साल की उम्र में 1980-81 में संघ की शाखाओ में जाना शुरू कर दिया था। इसके बाद तो उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। संघ की शाखाओ में भी लगातार जाते रहे है। उनको संघ के बड़े नेताओ का आर्षिवाद मिलता रहा है। मदन मोहन शर्मा की काबलियत को देखते हुए उन्होने टिकट की दावेदारी की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नडडा से भी करीबी है। और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से भी अच्छे संबध है। जिसका उनको टिकट के लिए फायदा भी मिल सकता है। इन दोनो के अलावा पांवटा सीट से अन्य कोई दावेदार इतना सक्रिय नहीं है। मदन मोहन शर्मा 27 साल से भाजपा के कर्मठ व जुझारू सिफाई है। इसके अलावा वह भाजपा के कार्यक्रमो में भी जा रहे है। मंडल की बैठको में भी अपनी उपस्थिति लगातार बनाए हुए है। भाजपा की रथ यात्रा हो। या फिर भाजपा की रैली व प्रर्दधन वह पीछे नहीं रहते है। भाजपा कार्यकर्ताओ का कहना है जब पिछले 36 सालो से पार्टी के वफादार सिफाई रहे है तो उनको टिकट मांगने का हक है। इसके अलावा पांवटा के कई वरिष्ठ नेता भी इनके साथ है।