पांवटा साहिब में टोका-नगला-गुलाबगढ़ क्षेत्र में कांग्रेस सुपड़ा साफ के बाद अब भंगानी जोन से भी पांवटा कांग्रेस पूरी तरह से सीमटती दिख रही है । बताया जा रहा है कि भंगानी जोन के अध्यक्ष प्रदीप चौहान और उनके कार्यकर्ताओं की अनदेखी के चलते वह क्षेत्र में प्रचार से पीछे हट गए हैं जिसका बुरा असर भी देखने को मिल रहा है।
कांग्रेस भंगानी जोन अध्यक्ष प्रदीप चौहान की अनदेखी भंगानी क्षेत्र में कांग्रेस को भारी पड़ रही है। बिना जोन प्रभारी के क्षेत्र में प्रचार और बैठकें होना वर्कर्स में चर्चा का विषय बन गया है। बता दें कि पिछले 5 वर्षों में लगातार प्रदीप चौहान ने विपक्ष पर कड़े तेवर दिखाते हुए कांग्रेस को जिंदा रखा था लेकिन जैसे ही चुनाव नजदीक आए कांग्रेस के मजबूत सशक्त लोगों को ही दरकिनार कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक भंगानी जोन कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप चौहान की अनदेखी के कारण उनकी नाराज़गी देखी जा रही है। प्रदीप चौहान न तो भंगानी जोन में प्रचार में दिखाई दे रहे हैं और न ही कांग्रेस उम्मीदवार के साथ कहीं नजर आ रहे हैं। चर्चा यह भी है कि पिछले पांच वर्ष तक जो पूर्व विधायक के साथ साये की तरह खड़ा रहा, आज ऐसा क्या हो गया कि वह चुनावी प्रचार में कहीं नजर नही आ रहा है।
हालांकि बीते दिनों पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदीप चौहान की नाराज़गी को लेकर पूछे गये सवाल पर कांग्रेस उम्मीदवार किरनेश जंग ने यह कहा था कि वह अपने जोन में प्रचार कर रहे हैं लेकिन मीडिया में ऐसी कोई फोटो नही आई है जिसमे भंगानी जोन में मजदूर युवा नेता नजर आए हो।
उधर, विरोधी दल भी इस मामले को भुनाने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं। क्षेत्र में प्रचार किया जा रहा है कि जिस युवा नेता ने लगातार पांच वर्ष तक सरकार के खिलाफ बयानबाजी और प्रदर्शन में बढ चढकर भाग लेकर कांग्रेस और किरनेश जंग को मजबूत किया, चुनावों के दौरान उसकी ही अनदेखी हो रही है, तो आम कार्यकर्ताओं की क्या इज्जत आने वाले समय में होगी। विरोधियों को यह एक बड़ा मुद्दा मिल गया है, जिससे भंगानी जोन में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता ह