पांवटा साहिब में फॉरेस्ट गार्ड दीप राम शर्मा को रिश्वत ऑडियो वायरल मामले में कथित 15 किलोमीटर दूर ट्रांसफर कर दिया गया है । रिश्वत मामले में फंसे फॉरेस्ट अधिकारी पर इस कार्रवाई से विभागीय जांच पर ही सवाल खड़े हो गए विभाग में ईमानदारी से काम करने वाले इसे लीपापोती का नाम दे रहे हैं।
बता दें कि दीप राम शर्मा की एक दर्जन के करीब पैसे मांगने के ऑडियो वायरल हुए थे जांच उपरांत विभागीय अधिकारियों ने केवल 15 किलोमीटर दूर ट्रांसफर कर रिश्वत के दागों को धोने का केवल मात्र प्रयास किया गया है।
इससे पहले दीप राम शर्मा रामपुर घाट खनन क्षेत्र में कार्यरत थे जहां पर अवैध खनन करने वालों से कई बार पैसे मांगने की ऑडियो सामने आए शिकायत उपरांत दीप राम शर्मा पर विभागीय जांच भी बैठी लेकिन ठोस कार्रवाई करने के बजाय उच्च अधिकारियों द्वारा महज ट्रांसफर कर इस पूरे मामले से अपने अधिकारी और खुद को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
बड़ी बात यह है कि वन अधिकारी ने मीडिया के सामने इस बात को एक बार भी नहीं नकारा कि वह ऑडियो उसकी नहीं है सिर्फ इतना ही नहीं ऑडियो सुनकर कोई भी बता सकता है कि विभागीय जुर्माने के पैसे फॉरेस्ट गार्ड मांग रहा है या सीधे-सीधे गिरी और यमुना नदी के सीने को छलनी करने की कीमत।
वही जब इस बारे में डीएफओ कुणाल अंग्रीश से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वन विभाग अधिकारी को रिश्वत ऑडियो मामले में ट्रांसफर किया गया है किंतु विभागीय जांच अभी जारी है।
कुल मिलाकर वन विभाग के उच्च अधिकारी इस रिश्वत कांड में ठोस कार्रवाई के बजाय लीपापोती कर मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है इस तरह के मामलों में यमुना और गिरी नदी में होने वाले अवैध खनन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा जोकि सीधे-सीधे प्रदेश सरकार के खजाने पर हाथ साफ करने जैसा होगा।