साल के अन्त तक प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव में पच्छाद का माहौल काफी गरमा सकता है। पिछले चुनाव में हार का स्वाद चख चुके कांग्रेस के दिग्गज नेता गंगू राम मुसाफिर को इस बार टिकट के लिये काफी जद्दोजहद से गुजरना पड रहा है। उधर हाई कमान भी हारे हुए लोगों पर दांव खेलने के मूड में नहीं लग रही है। पार्टी सूत्रों की माने तो वे कई बार लोगों से अपने टिकट की पैरवी करवा चुके हैं।
बताया जा रहा है की जातीय समीकरणों को भी इसमें काफी अहम कारण माना जा रहा है। इस बार कांग्रेस पार्टी वर्तमान विधायक सुरेश कश्यप की बिरादरी से सम्बंधित उम्मीदवार को उतारने के पक्ष में है और इसके लिये पार्टी को विकल्प भी लगभग मिल गया है। हालाँकि इसे कहीं न कहीं भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति की नकल के तौर पर देखा जा रहा है। उधर विधायक सुरेश कश्यप पहले के मुकाबले मजबूत स्थिति में लग रहे हैं जबकि मोदी लहर के असर को भी नकारा नहीं जा सकता।
पच्छाद में कांग्रेस का एकछत्र राज रहा है लेकिन जनता की नाराजगी के चलते लगातार गिरते गए जनाधार से पार्टी नेताओं ने सबक नहीं लिया परिणाम स्वरूप पिछले चुनाव में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। विडंबना यह है की पार्टी सेकेण्ड लाईन में आजतक यहां कोई दूसरा नेता पनप नहीं पाया। इस बार पच्छाद में रत्न कश्यप के रूप में एक नया चेहरा सामने आया है। वन विभाग से रेंज ऑफिसर सेवानिवृत हुए कश्यप व गंगू राम मुसाफिर ने एक साथ सरकारी नौकरी की है।
1982 में मुसाफिर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में कूद गए जबकि रत्न कश्यप सरकारी सेवा करते रहे। बताते हैं की कांग्रेस से रत्न कश्यप की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है। हाल ही में रिटायर हुए रत्न कश्यप ने रिटायरमेंट पार्टी के तौर पर राजगढ़ में शक्ति प्रदर्शन किया जिसका बड़े पैमाने पर प्रचार भी किया गया। पार्टी के बहाने रत्न कश्यप ने एक तरह से शक्ति प्रदर्शन किया जिसमे काफी हद तक वह सफल भी रहे। उधर एक विकल्प यह भी माना जा रहा है की यदि हार का फैक्टर चलता है तो मुसाफिर अपने बेटे का नाम चला सकते हैं।
पच्छाद की राजनीति में भूचाल लाने का दावा करने वाले रत्न कश्यप इन दिनों जनसम्पर्क में जुटे हुए हैं। मूल रूप से राजगढ़ निवासी रत्न कश्यप मंगलवार को सराहां पहुंचे। बातचीत के दौरान उन्होंने इशारों इशारों में सब कुछ बता दिया। उन्होंने कहा की वह एक साधारण परिवार से हैं और पच्छाद में दशकों से चल रहे राजनितिक ड्रामेबाजी से वह आहत हैं। उन्होंने कहा की अब जनता भी इस नाटक बाजी से तंग आ चुकी है जो किसी नए व्यक्ति को मौका देना चाहती है। उन्होंने काफी सोचविचार व राय मशविरा लेकर यह निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा की कांग्रेस पार्टी में टिकट को लेकर वार्ता जारी है यदि टिकट नहीं मिलता तो वह आजाद उम्मीदवार के तौर पर भाग्य आजमाएंगे। इस समय वह दलगत राजनिति से हटकर सभी से समर्थन मांग रहे हैं। दूसरी तरफ सीपीआईएम ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं। पच्छाद में इस बार पार्टी भी एक सशक्त उम्मीदवार उतारेगी। बुधवार को सराहां में हुए बैठक में इस बाबत निर्णय लिया गया। कांग्रेस मण्डल पच्छाद का दावा है कि टिकट गंगू राम मुसाफिर को ही मिलेगा इसे बदलने का कोई सवाल पैदा नहीं होता।