21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विद्यालय परिसर में अत्यंत हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया ।भारत के ऋषि मुनियों की देन योग आज विश्व में अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं ।योग और आयुर्वेद भारत की सनातन देन है और हमें इस पर गर्व है ।आज सारा विश्व योग को अपना रहा है ।स्वस्थ जीवन जीने का तरीका है योग ।बुद्धि और तन के मध्य तालमेल और संतुलन का नाम है योग। इस अवसर पर आयुर्वेद तथा पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ स्वाति गर्ग जो कि हमारी पूर्व छात्रा रही हैं,ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि प्रतिदिन 30 मिनट योग करने से हम मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं ।
उन्होंने विद्यार्थियों को बेचैनी तथा तनाव दूर करने के उपाय बताते हुए गुड और बैड स्ट्रेस में अंतर बताए। गुड स्ट्रेस हमेशा व्यक्ति को उन्नति के पथ पर अग्रसर करता है। जबकि बेड स्ट्रेस व्यक्ति को आगे बढ़ने से रोकता है। डॉ स्वाति गर्ग ने प्राणायाम के अंतर्गत नाड़ी शोधन प्राणायाम ,सिंहासना प्राणायाम, शीतली प्राणायाम के बारे में बताया तथा उसका प्रदर्शन भी किया। ये प्राणायाम तनाव, अनिद्रा ,थायराइड तथा ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।सूर्य नमस्कार का महत्व बताते हुए सूर्य नमस्कार का प्रदर्शन भी किया। योग एक प्राचीन विज्ञान है जो प्रकृति के साथ ,प्रकृति के लिए और प्रकृति के द्वारा ही कार्य करता है ।हम सबको योग अपनाना चाहिए ।योग की बात हर दिल में होनी चाहिए ।योग ईश्वर को पाने का माध्यम है। छात्रों ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लिया तथा योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने का निश्चय किया।
विद्यालय की प्रधानाचार्या गुरविंदर कौर चावला ने भी डॉ स्वाति गर्ग को धन्यवाद देते हुए छात्रों को कहा कि योग ईश्वर को याद करने का एक तरीका है ।योग का अर्थ ही है जोड़ना और यह हमें ईश्वर के साथ जोड़ता है।विद्यालय के डायरेक्टर गुरजीत सिंह सैनी ने योग को अपने दैनिक जीवन का महत्वपूर्ण अंग बनाने पर बल दिया।