नशे के बढ़ते प्रभाव को देखकर SIU की टीम गठित की गयी थी ताकि नशे के बढ़ते प्रभाव पर रोक लगाई जा सके, लेकिन हुआ कुछ यूं की अब जो SIU की टीम द्वारा एक सुरक्षा घेरा भी बनाया गया था वो भी टूटने वाला है क्योंकि प्रदेश में SIU टीम को भंग कर दिया गया है।
सोमवार को प्रेसवार्ता कर अतुल अग्रवाल (आबकारी अनुज्ञापी) ने सिरमौर जिला की SIU टीम को भंग करने को दुर्भाग्यपूर्ण फैसला बताया है।
उनका कहना है की SIU सिरमौर की टीम बेहतरीन काम कर रही थी ।
अतुल अग्रवाल ने कहा की डीजीपी पुलिस हिमाचल प्रदेश द्वारा 1 सितंबर से जिला सिरमौर की विशेष अन्वेषण यूनिट को बर्खास्त करके दोबारा से गठन के लिए लिखा गया है।
उन्होंने बताया की DGP संजय कुंडू के संज्ञान में यह बात लाना चाहते है की कि पुलिस अधीक्षक जिला सिरमौर द्वारा जो अन्वेषण टीम बनाई गई है इन्होंने पिछले सात-आठ महीने में जिला सिरमौर में बहुत ही प्रशंसनीय कार्य किया है, व शराब तस्कर और नशा तस्करों के बीच एक डर का माहौल उत्पन्न हो गया था।
उन्होंने बताया की जितना अधिक काम नशा तस्करों के खिलाफ इस टीम द्वारा किया गया है पहले कभी नहीं हुआ, और न ही इस तरीके से कार्यवाही नशा तस्करों के खिलाफ हो पाई।
लेकिन,अब डीजीपी द्वारा इस विशेष टीम को बर्खास्त करने से जहां एक तरफ नशा तस्करों के हौसले बढ़ गए हैं वहीं अब वह खुद भी सरकार को कर ( tex) देकर कार्य करने वाले व्यापारी परेशान हैं।
इसलिए अतुल अग्रवाल ने कहा की इस विषय में संज्ञान लेते हुए मुख्य अन्वेषण टीम को सुचारू रूप से चलने दिया जाए वह इसके अतिरिक्त जिला सिरमौर के पावंटा साहिब में शराब तस्करी को रोकने के लिए एक अलग से टीम का भी गठन किया जाए।
क्योंकि जिला सिरमौर का पावंटा साहिब नशा तस्करों केलिए एक बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र है, पावंटा साहब जिला सिरमौर की सीमाएं हरियाणा, उत्तराखंड और यूपी के सीमांत क्षेत्र से लगता है और नशा तस्कर यहां पर बड़ी मात्रा में अवैध शराब और अन्य नशों की तस्करी करते हैं।