आईएएस युनस खान व आईपीएस अंजुम आरा को देश ने पलकों पे बिठा लिया है, क्योंकि चुपचाप एक ऐसा फैसला लिया था, जो मिसाल बन गया है। शनिवार शाम को एक खबर आई कि शहीद की गोद ली 12 साल की बेटी खुशप्रीत कौर को मिलने दंपत्ति पंजाब के तरनतारन रवाना हुआ है। हालांकि दंपत्ति ने प्रयास किया कि मीडिया से दूरी बनी रहे, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया, क्योंकि दंपत्ति के नेक कार्य की चर्चा न केवल हिमाचल व पंजाब, बल्कि देश भर में हो रही है।
बातचीत में कुल्लू के डीसी युनस खान ने कहा कि शहीद के परिवार से मिलना बेहद भावनात्मक था। उन्होंने कहा कि हालांकि परिवार ने फोन पर ही बेटी को गोद लेने को लेकर बातचीत कर ली थी, लेकिन वह चाहते थे कि जल्द से जल्द बच्ची को व्यक्तिगत तौर पर भी मिला जाए। जानकारी के मुताबिक आईएएस व आईपीएस दंपत्ति शनिवार को साढ़े 12 बजे के आसपास शहीद परमजीत के घर पहुंच गया था। लगभग चार घंटे परिवार के साथ ही बिताए।
सनद रहे कि अपनी तरह का यह पहला ही मामला है, जब डीसी व एसपी के पद पर तैनात दंपत्ति ने शहीद की बेटी को गोद लिया हो। दंपत्ति पहले ही साफ कर चुका है कि बेटी के लालन-पोषण की हरेक जिम्मेदारी ताउम्र उठाएंगे। यहां तक की अगर बेटी आईएएस या आईपीएस बनना चाहेगी तो पूरा सहयोग दिया जाएगा। युवा दंपत्ति के इस नेक कार्य की सोशल मीडिया में काफी चर्चा हो रही है। यहां तक की सोशल मीडिया के पाठकों ने भी जमकर दंपत्ति के इस निर्णय की प्रशंसा की है।