सिरमौर जिला में बनने वाले पहले फोरलेन कालाअंब पांवटा साहिब हाईवे के लिए कंसल्टेंसी टेंडर अवार्ड

8 करोड रुपए की लागत से भोपाल की लॉयन कंपनी करेगी एनएच को फोरलेन बनाने के लिए सर्वे

जिला सिरमौर के पहले प्रस्तावित फोरलेन कालाअंब से पांवटा साहिब के लिए एनएचएआई ने कंसल्टेंसी टेंडर अवार्ड कर दिया हैं। एनएचएआई ने इस 57 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे 07 के सर्वे के लिए 8 करोड़ रूपए के कंसल्टेंसी टेंडर मध्य प्रदेश के भोपाल की लॉयन कंपनी को अवार्ड कर दिया हैं। जल्द कंपनी एनएच का सर्वे शुरू करेगी। सर्वे कार्य पूरा होने के बाद इसकी डीपीआर तैयार की जाएगी, जिसे स्वीकृति के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय को भेजा जाएगा। वही उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को जोडऩे वाले पांवटा साहिब कालाअंब नेशनल हाईवे 07 को फोरलेन बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। फोरलेन बनने से इस नेशनल हाईवे पर सफर और भी आसान हो जाएगा।

बता दें कि भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से इस एनएच को फोरलेन बनाने को पहले ही मंजूरी दे चुका है। विदित रहे कि देहरादून से पांवटा साहिब को जोडऩे वाले उत्तराखंड क्षेत्र के कुल्हाल- देहरादून फोरलेन बनाने का कार्य प्रगति पर चला हुआ है। अब हिमाचल से होकर गुजरने वाला 57 किलोमीटर का हिस्सा अभी डबल लेन है, जिसको फोरलेन बनाए जाने को लेकर टेक्निकल टेंडर किए जा चुके हैं। इस फोरलेन के बनने के बाद औद्योगिक क्षेत्र पांवटा साहिब और कालाअंब की ट्रांसपोर्टेशन की समस्या का समाधान होगा। सर्वे के बाद ही पता चलेगा कि इस फोरलेन की जद में कितने घर और दुकानों समेत निजी और सरकारी संस्थान आएंगे। जिला सिरमौर में बनाने वाला यह पहला फोरलेन होगा, जो व्यापारिक व परिवहन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होगा। अभी सिरमौर जिला में चार नेशनल हाईवे हैं, जिनकी दूरी 262 किलोमीटर है।

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इस एनएच के अलावा जिले में 78 किलोमीटर लंबा नाहन-कुमारहट्टी एनएच 907ए और सात किलोमीटर लाल ढांक-बात्ता चौक एनएच-907 है। इसके अलावा पांवटा साहिब शिलाई मिनस 120 किलोमीटर एनएच 707 पर प्रदेश के पहले ग्रीन कॉरिडोर हाईवे का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उधर नेशनल हाईवे नाहन डिवीजन के अधिशासी अभियंता नरेंद्र वर्मा ने बताया कि कालाअंब पांवटा साहिब एनएच को फोरलेन बनाने के लिए कंसल्टेंसी टेंडर किए जा चुके हैं। ये टेंडर मध्यप्रदेश के भोपाल की एक कंपनी के नाम हुआ हैं। इसका टेक्निकल सर्वे पूरा होने के बाद डीपीआर बनेगी।

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