कारोबारी निशांत शर्मा से जुड़े मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने डीजीपी और एसपी कांगड़ा को वर्तमान पोस्टिंग से हटाने के लिए कहा है.
हिमाचल प्रदेश में जिला कांगड़ा के पालमपुर से संबंध रखने वाले कारोबारी निशांत शर्मा और डीजीपी हिमाचल से जुड़े विवाद में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एस. रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए डीजीपी और एसपी कांगड़ा को उनकी वर्तमान पोस्टिंग से हटाने की बात कही है.
कोर्ट ने पहले भी पुलिस अधिकारियों को सुनाई थी खरी-खरी
बता दें कि कारोबारी निशांत शर्मा से जुड़े मामले में पिछली सुनवाई के दौरान भी हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया था. तब खंडपीठ जांचकर्ता पुलिस अधिकारियों से कहा था कि आपको कुछ करना भी है या हम ही कोई आदेश करें? अब मुख्य न्यायाधीश वाली खंडपीठ ने डीजीपी और एसपी कांगड़ा को वर्तमान पोस्टिंग से हटाने की बात कही है. हिमाचल प्रदेश में मुख्य पुलिस महानिदेशक के पद पर संजय कुंडू और पुलिस अधीक्षक कांगड़ा के पद पर शालिनी अग्निहोत्री कार्यरत हैं.
क्या है मामला?
पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा ने 28 अक्टूबर को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के नाम ई-मेल भेज कर अपनी जान को खतरा बताया था. निशांत शर्मा ने डीजीपी संजय कुंडू पर गंभीर आरोप लगाए थे. हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस ने निशांत की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की थी. निशांत शर्मा ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसे पालमपुर के एसएचओ ने शिमला जाकर डीजीपी संजय कुंडू से मिलने के लिए दबाव डाला.
डीजीपी कुंडू ने निशांत शर्मा के खिलाफ भी दर्ज करवाई थी FIR
निशांत शर्मा ने डीजीपी को भी मेल भेजकर यह पूछा था कि उसे शिमला क्यों बुलाया जा रहा है? इस पर डीजीपी ने निशांत शर्मा पर छोटा शिमला पुलिस स्टेशन में यह तर्क देकर एफआईआर दर्ज करवा दी कि झूठे आरोप लगाकर उनकी मानहानि की गई है. मामले में छह बार सुनवाई के बाद 21 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब उच्च न्यायालय ने अपना यह फैसला सुनाकर निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए कहा है.