हिमाचल हाईकोर्ट ने पूर्व DGP संजय कुंडू और SP कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री की रिकॉल एप्लिकेशन डिसमिस कर दी है। चीफ जस्टिस MS रामचंद्र राव और जस्टिस ज्योत्सना रेवाल दुआ की बैंच ने आज अपनी जजमेंट सुनाते हुए DGP और कारोबारी निशांत शर्मा मामले की जांच के लिए पुलिस SIT गठित करने को कहा है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से प्रदेश के पूर्व डीजीपी और कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री को झटका लगा है. ट्रांसफर को लेकर आदेशों पर डीजीपी संजय कुंडू और कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री की हाईकोर्ट में रिकॉल एप्लीकेशन को खारिज कर दिया है.
दरअसल, डीजीपी और एसपी को सुप्रीम कोर्ट से कहा गया था कि दो अफसर हाईकोर्ट में रिकॉल एप्लीकेशन दाखिल करें. अब मामले में सुनवाई हुई और याचिका खारिज हो गई है. हालांकि कोर्ट ने कहा कि सरकार इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर को जारी रख सकती है. 28 फरवरी की सरकार कोर्ट में अगली स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी. मुख्य न्यायाधीश एम रामचंद्रा राव की बेंच में मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई है.
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पालमपुर से कारोबारी निशांत शर्मा से जुड़ा यह मामला है. कारोबारी का उनके बिजनेस पार्टनर से विवाद था. इस पर उन्होंने डीजीपी संजय कुंडू की तरफ से दबाव बनाने के आरोप लगाए थे. इस दौरान डीजीपी दफ्तर से लगातार कारोबारी को कॉल्स की गई. हरियाणा के गुड़गांव में परिवार पर हमला हुआ था. इसी तरह कांगड़ा में भी कारोबारी को दो बाइक सवारों ने धमकाया था. कारोबारी ने जान का खतरा बताते हुए पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई थी. लेकिन कांगड़ा पुलिस ने मामले में शिकायत दर्ज नहीं की.
मामले में कारोबारी ने जब हिमाचल हाईकोर्ट को मेल डाली तो कोर्ट ने संज्ञान लिया और फिर कांगड़ा पुलिस को केस दर्ज करने के आदेश दिए. करीब 18 दिन बाद केस दर्ज हुआ. 27 नवंबर को शिकायत दी गई थी. मामले में शिमला और कांगड़ा पुलिस की स्टेट्स रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने डीजीपी और कांगड़ा एसपी को पद से ट्रांसफर करने के आदेश दिए थे.
अफसर संजय कुंडू हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. इस इस बीच हिमाचल सरकार ने संजय कुंडू को पद से हटा दिया था. उधर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों अफसरों को हिमाचल हाईकोर्ट में दोबारा रिकॉल पटीशन दाखिल करने के लिए कहा था, जिस पर अब सुनवाई हुई है, लेकिन कोर्ट ने संजय कुंडू और शालिनी की याचिका को खारिज कर दिया है.