दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा बसाए पांवटा साहिब नगर में उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। श्री गुरु गोविंद सिंह जी के 357 वें प्रकाशोत्सव पर इस बार नगर कीर्तन का आयोजन किया था वही गुरुवार सुबह से पांवटा साहिब गुरुद्वारा में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। श्री गुरु गोविंद सिंह जी के जन्म दिवस पर यमुना किनारे सिखों के पावन तीर्थ पांवटा गुरुद्वारे में समूचे उत्तर भारत से हजारों की संख्या में संगतें यहां पहुंची।
श्री गुरु गोविंद सिंह जी के जन्मोत्सव के लिए सिख साहेब दशमेश अस्थान गुरुद्वारे पावटा साहिब को दुल्हन की तरह सजाया गया था । गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में कोई कसर नहीँ छोड़ी। श्रद्धालु भी गुरुद्वारे की भब्यता, पवित्रता और आलौकिक शक्तियों के बशीभूत खिंचे चले आते है। जन्मोत्सव के अवसर पर श्री गुरु महाराज के चरणों में शीश नवाने के लिए हिमाचल ही नहीं उत्तर प्रदेश उत्तराखंड दिल्ली पंजाब हरियाणा से भी हजारों की संख्या में संगत यहां पहुंच रही है।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने यहां पहुंचने वाली संगतों के लिए विशेष लंगर का आयोजन किया। साथ ही दरबार साहिब में दिनभर कार्यक्रमों का भी आयोजन रहा। यहां रागी और ठाढ़ि जत्थों ने श्रद्धालुओं को श्री गुरु गोविंद सिंह जी व उनके पांवटा साहिब निवास के बारे में जानकारी दी। इस धार्मिक आयोजन में पहुंचकर श्रद्धालु स्वयं को कृतार्थ महसूस कर रहे थे।
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मोत्सव पर गुरुद्वारे में सुबह से कार्यक्रमों का कार्यक्रमों का आयोजन रहा। सुबह सर्वप्रथम निशान साहब को झुलाया गया उसके बाद अमृत संचार हुआ और अखंड पाठ साहिब के भोग पड़े। इसके अलावा पूरा दिन श्री दरबार साहिब में कीर्तन गुरबाणी और कथा का आयोजन दिन भर चलता रहा। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने श्री गुरु महाराज के चरणों में शीश नवाया और गुरु का लंगर छका। पांवटा साहिब गुरुद्वारा में देर रात को विशेष कवि दरबार का भी आयोजन किया गया |