हाल ही मे उद्योग मंत्री ने बांदली ढाढस सीनियर सेकेंडरी स्कूल के वार्षिक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और वहां मंच से हाटी मुद्दे पर बच्चों को झूठ का पाठ पढ़ाते हुए अनेक निम्न स्तर की बयानबाजी की। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक शिलाई बलदेव तोमर ने कहा कि ऐसा लगता है कि उद्योग मंत्री ने झूठ बोलने का एक अतिरिक्त विभाग अपने पास ले लिया है और अपनी कमियां छुपाने के लिए झूठ बोलने की मजबूरी हो गई है। उनसे निवेदन तो उनसे यही है कि कम से कम भोले भाले बच्चों को झूठ का पाठ मत पढ़ाएं। बच्चे भोले होते हैं मंच से कही गई झूठी बातों पर भी सच मानकर तालियां बजा देते हैं।
बलदेव तोमर ने कहा कि पहले तो हम यही स्पष्ट करना चाहते हैं कि उद्योग मंत्री के पिता जी और उन्होंने हाटी मुद्दे पर यदि ईमानदारी और गम्भीरता से प्रयास किए होते तो आज 56 साल नहीं लगते। दूसरा बड़ा झूठ कि 1998 में हाटी शब्द को उन्होंने जोड़ा है। इस बात को तो बोलते हुए भी उन्हें शर्म आनी चाहिए। जिसको हाटियों की संस्कृति, रीति-रिवाज, बोली भाषा तक का पता नहीं वे कहां हाटी शब्द को समझ और जोड़ सकते हैं। हाटी समिति 1983 में बनी और 1985 में रजिस्टर्ड हुई और विधानसभा में कभी भी हर्षवर्धन जी ने हाटी मुद्दे पर प्रस्ताव पास नहीं करवाया है बल्कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय जगतप्रकाश नड्डा ने वर्ष 2002 में माननीय प्रेमकुमार धूमल की सरकार में संसदीय कार्य मंत्री रहते हुए गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजाति दर्जा दिए जाने का संकल्प प्रस्ताव लाया और पास भी कराया था लेकिन हर्षवर्धन सहित कांग्रेस के विधायकों ने उसका विरोध करते हुए वाकआऊट किया था। यदि मंत्री जी इस बात से मुकरेंगे तो हम उस विधानसभा की कार्यवाही के प्रमाण देने के लिए भी तैयार है।
बलदेव तोमर ने कहा अपने स्वार्थ और झूठे गुणगान करने के लिए बनाई गया हाटी कल्याण मंच को असली और 40 सालों से निस्वार्थ भाव से काम कर रहे हाटी समिति के सदस्यों को नकली कहना उनकी निम्न स्तर की मानसिकता और बौखलाहट को दर्शाता है। यही नहीं हाटी समिति में योगदान देने वाले कर्मचारियों को भी ट्रांसफर का डर दिखाकर उन्हें चुप रहने के लिए मजबूर किया गया है।
बलदेव तोमर ने कहा कि उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से मिलने की भी बात कही परन्तु केन्द्रीय जनजाति मंत्री से कभी वे नहीं मिले ये सफेद झूठ है लेकिन अगर इस झूठ को थोड़ी देर मान भी लें तो फिर पांच महीने का इंतजार करके बच्चों का नुक़सान क्यों किया। पत्र भेजते ही स्पष्टीकरण के लिए दिल्ली चले जाते।
बलदेव तोमर ने कहा कि स्पष्टीकरण का जो पत्र केन्द्रीय जनजाति मंत्रालय से आया है उसमें कुछ भी नई बात नहीं लिखी है। जो प्रपोजल पिछली भाजपा सरकार ने भेजी थी उसी का समर्थन किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का नाम लेकर उनकी आड़ में अपना झूठ मत छुपाएं। जयराम ठाकुर ने हाटी समुदाय को जनजाति दर्जा दिलाने में जो ईमानदार से प्रयास किए हैं वे किसी से छुपा नहीं है। उसकी तारीफ हाटी जनता करती है और करती रहेगी।
मंत्री ने गुज्जर और कुछ अनुसूचित जाति के नेताओं के साथ सांठ-गांठ करके हाटी मुद्दे को उलझाने और न्यायालय में लटकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जबकि गिरिपार क्षेत्र के अनुसूचित जाति के लोगों को उनकी इच्छा के अनुसार जनजाति दर्जे से बाहर रखा गया है और अब कोई शिकायत नहीं रही है। लेकिन मंत्री ने कुछ हाटी विरोधी नेताओं के साथ सांठ-गांठ करके ढाई लाख हाटी जनता का नुक़सान कराने का कलंक अपने ऊपर लगाया है।
बलदेव तोमर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अदालत में सही जवाब नहीं देने के कारण अंतरिम स्टे लगा है। इस बारे मे भी मंत्री जी बताएं कि आपने अपने भाई को डिप्टी एडवोकेट जनरल बनाया है यदि आप सच्चे हाटी हितैषी होते तो अदालत में उनसे हिमाचल सरकार की ओर से जवाब दिलाना चाहिए था।
बलदेव तोमर ने कहा कि मन्त्री जी भाजपा नेताओं पर अनपढ़ होने के झूठे आरोप भी लगाते हैं भाजपा शिलाई मंडल में आज तक दलीपसिंह तोमर, सोमाराम चौहान, प्रताप सिंह तोमर, मायाराम चौहान,सूरत सिंह चौहान, और अब इंदिर सिंह ठाकुर अध्यक्ष रहे हैं सभी ग्रेजुएट हैं।अब यदि हिम्मत है तो आज तक जितने कांग्रेस के मंडल अध्यक्ष रहे हैं उनकी क्वालिफिकेशन भी बताएं ताकि जनता भी सच्चाई को जान सके।