पांवटा साहिब शिलाई ग्रीन कॉरिडोर की आरजीवी कंपनी के बाद एचईएस इंफ्रा कंपनी के 3 क्रशर, मिक्सचर प्लांट व आरएमसी प्लांट सील

नितिन गडकरी के ड्रीम प्रोजक्ट पांवटा साहिब शिलाई ग्रीन कॉरिडोर को पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का झटका 

हिमाचल प्रदेश राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका दिया है। फेस 2 के बाद अब फेस 3 का काम कर रही एचईएस इंफ्रा कंपनी के 3 क्रशर, मिक्सचर प्लांट व आरएमसी प्लांट सील कर दिए गए हैं। सोमवार शाम को एसडीएम शिलाई सुरेंद्र मोहन के नेतृत्व में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने कार्रवाई को अंजाम दिया।  केंद्र सरकार ने 5 वर्ष पूर्व देश के लिए तीन ग्रीन कॉरिडोर स्वीकृत किए थे। जिस से पांवटा साहिब शिलाई गुम्मा नेशनल हाईवे 707 भी ग्रीन कॉरिडोर स्वीकृत हुआ था।  इस प्रोजेक्ट को मार्च 2024 तक पूरा किया जाना था। जिसके लिए 100 किलोमीटर एरिया के लिए 25-25 किलोमीटर के चार टेंडर कर अलग अलग कंपनियां को दिए गए थे। फेस 2 और फेस 3 की कपनियों ने काम में भारी देरी के चलते यह प्रोजेक्ट एक से दो साल और लटक गया है।

वही हिमाचल प्रदेश राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने बिना परमिशन, बिना प्रदूषण नियंत्रण सयंत्र तथा परमिशन किसी अन्य स्थान की प्लांट किसी और स्थान पर लगाने के मामले में सोमवार शाम को उत्तरी में समीप लोहरा में एचईएस इंफ्रा कंपनी के तीन क्रशर, एक मिक्सचर प्लांट व एक आरएमसी प्लांट सील कर दिया।  कंपनी द्वारा एक क्रशर लगाने की परमिशन ली गई, इसकी आड़ में कंपनी ने तीन क्रशर प्लांट लगाए। इसके साथ ही आरएमसी प्लांट लगाने की परमिशन किसी और स्थान की ली गई तथा इसे लगाया गया किसी और स्थान पर।  इसके साथ ही मिक्सचर प्लांट लगाने परमिशन ही नहीं ली गई थी।  एनजीटी के आदेशों पर राज्य पॉल्यूशन बोर्ड ने यह कार्यवाही की है।

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विदित रहे कि इस से पहले शुक्रवार को भी फेस टू का कार्य कर रही आरजीवी कंपनी के क्रशर तथा मिक्सर प्लांट को पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीम ने सील कर दिया था। एचईएस इंफ्रा कंपनी के पास टिंबी से लेकर श्रीक्यारी तक 25 किलोमीटर का एरिया है। वही इस संदर्भ में एसडीएम शिलाई सुरेंद्र मोहन ने बताया कि एनजीटी और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के निर्देश पर क्रशर प्लांट सील किए गए हैं।  उधर जब इस संदर्भ में पांवटा साहिब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अतुल परमार से बात की गई। तो उन्होंने बताया कि एचईएस इंफ्रा कंपनी द्वारा एक क्रेशर की परमिशन लेकर तीन परमिशन क्रशर लगाए गए थे। इसके साथ ही आरएमसी प्लांट की परमिशन किसी और स्थान की थी। मिक्सर प्लांट की परमिशन ही नहीं ली गई थी, जिसके बाद प्लांट सील कर दिए है।

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