पटवारी-कानूनगो के प्रदर्शन पर सरकार सख्त, दो दिन में काम पर नहीं लौटे तो होंगे निलंबित, निर्देश जारी

अतिरिक्त कार्यभार की चाबियां तहसीलदार हमीरपुर व पांगी को सौंपी

सरकार ने पटवारी और कानूनगो के मामले को गंभीरता से लिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव(राजस्व) ओंकार शर्मा ने गुरुवार को सभी डीसी को पटवारी-कानूनगो के प्रदर्शन के संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं।

हिमाचल प्रदेश में पटवारी और कानूनगो ने स्टेट कैडर और दूसरी मांगों को लेकर ऑनलाइन काम बंद कर दिया है। इससे प्रदेश के जनता रोजाना परेशान हो रही है। पटवारी और कानूनगो संघ ने गुरुवार को मांगों पर निर्णय नहीं होने के चलते अतिरिक्त कार्यभार देख रहे सर्किल की चाबियां तहसीलदार को सौंपना शुरू कर दी है। हमीरपुर व पांगी में अतिरिक्त कार्यभार की चाबियां तहसीलदार को सौंपी गईं। उधर, सरकार ने अब इस मामले को गंभीरता से लिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव(राजस्व) ओंकार शर्मा ने गुरुवार को सभी डीसी को पटवारी-कानूनगो के प्रदर्शन के संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं। सरकार के अनुसार पटवारी-कानूनगो का बंद करने का कृत्य स्पष्ट रूप से सरकारी कर्मचारी के लिए अशोभनीय है और सीसीएस (आचरण) नियम, 1964 का उल्लंघन है, जिसका उल्लंघन उन्हें उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी बनाता है। यदि उन्हें सरकार के किसी फैसले से कोई शिकायत है तो बातचीत का सहारा लेना चाहिए और ऐसे कार्यों से बचना चाहिए।

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सभी डीसी को निर्देश दिए हैं कि उनके नियंत्रण में काम करने वाले ऐसे सभी पटवारियों-कानूनगो को ऑनलाइन कार्यों को तुरंत फिर से शुरू करने के लिए एक सख्त सलाह जारी की जाए ताकि आम जनता को इस आधार पर अधिक परेशानी न हो। उन्हें आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में वापस शामिल होने और अतिरिक्त शुल्क सहित उन्हें दी गई अन्य जिम्मेदारियां निभाने के लिए भी कहा जाना चाहिए। यदि वे दो दिनों के भीतर इन निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। साथ ही जब से उन्होंने ऑनलाइन काम छोड़ा है, उस अवधि से लेकर आज तक की उनकी सेवाओं को सेवा में ब्रेक के साथ ‘डाइस-नॉन’ माना जाएगा। इसके अलावा यदि वे सरकारी आदेशों की अवहेलना करना जारी रखते हैं तो उनके खिलाफ निलंबन सहित अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।

सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए खुले
निर्देशों में कहा गया है कि सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए खुले हैं। सरकार उनकी वास्तविक शिकायतों को दूर करने के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार है। हालांकि, किसी भी सरकारी कर्मचारी की ओर से कोई भी कार्रवाई जो हिमाचल प्रदेश की आम जनता के हितों के खिलाफ है, सरकार को स्वीकार्य नहीं है।

सरकार ने पटवारी और कानूनगो के मामले को गंभीरता से लिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव(राजस्व) ओंकार शर्मा ने गुरुवार को सभी डीसी को पटवारी-कानूनगो के प्रदर्शन के संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं।

हिमाचल प्रदेश में पटवारी और कानूनगो ने स्टेट कैडर और दूसरी मांगों को लेकर ऑनलाइन काम बंद कर दिया है। इससे प्रदेश के जनता रोजाना परेशान हो रही है। पटवारी और कानूनगो संघ ने गुरुवार को मांगों पर निर्णय नहीं होने के चलते अतिरिक्त कार्यभार देख रहे सर्किल की चाबियां तहसीलदार को सौंपना शुरू कर दी है। हमीरपुर व पांगी में अतिरिक्त कार्यभार की चाबियां तहसीलदार को सौंपी गईं। उधर, सरकार ने अब इस मामले को गंभीरता से लिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव(राजस्व) ओंकार शर्मा ने गुरुवार को सभी डीसी को पटवारी-कानूनगो के प्रदर्शन के संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं। सरकार के अनुसार पटवारी-कानूनगो का बंद करने का कृत्य स्पष्ट रूप से सरकारी कर्मचारी के लिए अशोभनीय है और सीसीएस (आचरण) नियम, 1964 का उल्लंघन है, जिसका उल्लंघन उन्हें उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी बनाता है। यदि उन्हें सरकार के किसी फैसले से कोई शिकायत है तो बातचीत का सहारा लेना चाहिए और ऐसे कार्यों से बचना चाहिए।

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