शिलाई विस के विकास कार्यों में सरकारी धनराशि के दुरूपयोग पर दो पंचायत प्रधान सस्पेंड

दोनों पंचायत प्रधानों पर लाखों रुपए की अनियमितताएं बरतने पर गिरी गाज

जिला सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र की दो पंचायतों के विकास कार्यों में अनियमितताओं के चलते डीसी सिरमौर के आदेश पर डीपीओ ने पंचायत प्रधान निलंबित कर दिए हैं। जिला प्रशासन नाहन से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकास खंड तिलोरधार के तहत आने वाली कठवार पंचायत के प्रधान महेंद्र सिंह और विकास खंड शिलाई की नाया पंजोड़ पंचायत के प्रधान लायक राम को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। कठवार पंचायत के ग्रामीणों ने पंचायत कार्यों में धांधली की शिकायत 5 जनवरी 2024 को उपायुक्त सिरमौर को सौंपी थी। इसके बाद वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू की गई।

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार 15 वें वित्तायोग के तहत सुरेश कुमार की भूमि के लिए 2020-21 में 1.50 लाख रुपए के सिंचाई टैंक की स्वीकृति हुई थी। इस कार्य में डेढ़ लाख रुपए खर्च दिखाया गया। जबकि मौके पर हुए कार्य और माप पुस्तिका में दर्ज कार्यों को जांच कमेटी ने भिन्न पाया। पंचायत सचिव ने इस कार्य का जियो टैग नहीं किया था। इस कार्य में तकनीकी सहायक पर भी वित्तीय अनियिमताओं के आरोप लगे हैं। इसके साथ साथ गड़ोली खड्ड में फुट ब्रिज के निर्माण में भी धांधली बरती गई, जिसके मस्ट्रोल ही जारी नहीं किए गए। वहीं अमृत सरोवर घुंडाना, श्मशानघाट घुंडाना, सिंचाई कूहल गड़ोली के कार्य में भी लाखों की धांधली के आरोप लगे हैं। जांच कमेटी ने इसकी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी। पंचायत प्रधान से जवाब संतोषजनक न मिलने के चलते प्रशासन ने पंचायत प्रधान को निलंबित कर दिया है।

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वहीं विकास खंड शिलाई की नाया पंजोड़ पंचायत के प्रधान लायक राम पर भी लाखों रुपए की धांधली के आरोप साबित हुए हैं। जांच कमेटी ने लिंक रोड़ के निर्माण में 19.31 लाख रुपए की धनराशि का दुरूपयोग पाया है। लिंक रोड़ मिगनवाड़ी दिगवाली मौजाड़ी निर्माण के लिए वित्त वर्ष 2020-21 में 41 लाख रुपए स्वीकृति प्रदान की गई थी।

शिकायत के बाद सहायक अभियंता ने सड़क का मूल्यांकन किया, तो सभी खर्च मिलाकर इसकी लागत 4.62 लाख रुपए आंकी। यानी इस कार्य में अंकेक्षण कमेटी ने लाखों रुपए की भिन्नता पाई और मौके पर कार्य नाममात्र पाया। जांच पूरी हो जाने के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी। इन अनियमतिताओं में तत्कालीन पंचायत सचिव चंदन सिंह और ग्राम रोजगार सेवक मंशाराम भी उतरदायी पाए गए हैं। उधर उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा ने बताया कि दोनों पंचायतों के प्रधानों को वित्तीय अनियमितताओं के चलते निलंबित कर दिया है।

जिला सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र की दो पंचायतों के विकास कार्यों में अनियमितताओं के चलते डीसी सिरमौर के आदेश पर डीपीओ ने पंचायत प्रधान निलंबित कर दिए हैं। जिला प्रशासन नाहन से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकास खंड तिलोरधार के तहत आने वाली कठवार पंचायत के प्रधान महेंद्र सिंह और विकास खंड शिलाई की नाया पंजोड़ पंचायत के प्रधान लायक राम को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। कठवार पंचायत के ग्रामीणों ने पंचायत कार्यों में धांधली की शिकायत 5 जनवरी 2024 को उपायुक्त सिरमौर को सौंपी थी। इसके बाद वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू की गई।

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार 15 वें वित्तायोग के तहत सुरेश कुमार की भूमि के लिए 2020-21 में 1.50 लाख रुपए के सिंचाई टैंक की स्वीकृति हुई थी। इस कार्य में डेढ़ लाख रुपए खर्च दिखाया गया। जबकि मौके पर हुए कार्य और माप पुस्तिका में दर्ज कार्यों को जांच कमेटी ने भिन्न पाया। पंचायत सचिव ने इस कार्य का जियो टैग नहीं किया था। इस कार्य में तकनीकी सहायक पर भी वित्तीय अनियिमताओं के आरोप लगे हैं। इसके साथ साथ गड़ोली खड्ड में फुट ब्रिज के निर्माण में भी धांधली बरती गई, जिसके मस्ट्रोल ही जारी नहीं किए गए। वहीं अमृत सरोवर घुंडाना, श्मशानघाट घुंडाना, सिंचाई कूहल गड़ोली के कार्य में भी लाखों की धांधली के आरोप लगे हैं। जांच कमेटी ने इसकी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी। पंचायत प्रधान से जवाब संतोषजनक न मिलने के चलते प्रशासन ने पंचायत प्रधान को निलंबित कर दिया है।

वहीं विकास खंड शिलाई की नाया पंजोड़ पंचायत के प्रधान लायक राम पर भी लाखों रुपए की धांधली के आरोप साबित हुए हैं। जांच कमेटी ने लिंक रोड़ के निर्माण में 19.31 लाख रुपए की धनराशि का दुरूपयोग पाया है। लिंक रोड़ मिगनवाड़ी दिगवाली मौजाड़ी निर्माण के लिए वित्त वर्ष 2020-21 में 41 लाख रुपए स्वीकृति प्रदान की गई थी।

शिकायत के बाद सहायक अभियंता ने सड़क का मूल्यांकन किया, तो सभी खर्च मिलाकर इसकी लागत 4.62 लाख रुपए आंकी। यानी इस कार्य में अंकेक्षण कमेटी ने लाखों रुपए की भिन्नता पाई और मौके पर कार्य नाममात्र पाया। जांच पूरी हो जाने के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी। इन अनियमतिताओं में तत्कालीन पंचायत सचिव चंदन सिंह और ग्राम रोजगार सेवक मंशाराम भी उतरदायी पाए गए हैं। उधर उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा ने बताया कि दोनों पंचायतों के प्रधानों को वित्तीय अनियमितताओं के चलते निलंबित कर दिया है।

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