सुसाइड नोट लिखकर लापता हुआ व्यक्ति सुरक्षित बरामद…पुलिस और डॉक्टर के उत्पीड़न का था शिकार

घायल की आठ दिनों तक FIR नहीं हुई दर्ज , ना मिला उचित ईलाज

 

 

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पांवटा साहिब में पुलिस और डॉक्टर के उत्पीड़न का शिकार व्यक्ति 48 घंटों के बाद सुरक्षित मिल गया है। मीडिया द्वारा प्रकाशित खबरों के बाद लोगों ने पहचान कर इसकी सूचना परिजनों को दी है। 

पांवटा साहिब के वार्ड नंबर 9 के भूपेंद्र कुमार पुलिस और डॉक्टर के उत्पीड़न का शिकार था जिसके बाद 30 अगस्त को सुबह-सुबह सुसाइड नोट लिखकर कहीं चला गया था। सुसाइड नोट लेकर पत्नी और बहन पुलिस स्टेशन पहुंची थी। मीडिया में खबर आने के बाद पुलिस के आला अधिकारी भी सक्रिय हुए कल से ही पुलिस की कई टीमें बनाकर आसपास के क्षेत्र में इस व्यक्ति की तलाश कर रही थी । बुरी तरह से मारपीट में घायल इस व्यक्ति की पांवटा पुलिस मामला दर्ज नहीं कर रही थी तो दूसरी और सिविल अस्पताल के डॉक्टर मारपीट के शिकार घायल भुपिंद्र को एडमिट नहीं कर पाए थे। अपने शरीर पर लगे गहरे घाव और पुलिस की कार्यप्रणाली से तंग आकर भूपेंद्र सुसाइड नोट लिखकर सुबह-सुबह घर से निकल गया था।

इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर सस्पेंड…?

इस पूरे मामले में इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर को एसपी सिरमौर द्वारा सस्पेंड करने की सूचना प्राप्त हो रही है। और कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर कारेवाही की तलवार लटक रही है बताया जा रहा है कि जान लेवा हमले में शामिल दो युवकों को भी हिरासत में लिया गया है। पीड़ित व्यक्ति बुरी तरह से मानसिक तौर परेशान था जिसके चलते उसने इस तरह का कदम उठाया मेरे लिए। ना तो उसे पुलिस से न्याय मिलने की उम्मीद थी और ना ही अस्पताल में उसका डॉक्टर इलाज करने को तैयार थे। ऐसे में परेशान उसने सुसाइड नोट लिखा और घर से निकल गया। 

बता देंगे भूपेंद्र सिंह की दो छोटी-छोटी बेटियां हैं जो बुरी तरह से अपने पिता को याद कर दो दिनों से लगातार रो रही थी उनकी धर्मपत्नी थी बुरी तरह से परेशान थी।

क्या था मामला ….

बता दे की 22 अगस्त दो आरोपियों सचिन और रिशु द्वारा AVN रिजॉर्ट बातामंडी में जानलेवा हमला किया गया। बुरी तरह से घायल भूपेंद्र पहले लहूलुहान अवस्था में पांवटा थाना में शिकायत दर्ज करने के लिए पहूंचा लेकिन पुलिस द्वारा लहूलुहान हालत में उसे अस्पताल इलाज के लिए भेज दिया गया इतना ही नहीं अस्पताल से आधा अधूरा इलाज कर उसे फिर थाने भेज दिया गया। जानलेवा हमले किए जाने की शिकायत के बाद भी पुलिस थाना में 8 दिनों तक मामला दर्ज नहीं किया गया।

वही इस पूरे मामले में वार्ड नंबर 9 की पार्षद मीनु गुप्ता भी लगातार पुलिस और परिवार के संपर्क में बनी रही उन्होंने देर रात परिवार के साथ जाकर हर्बटपुर उत्तराखंड से सुरक्षित इस व्यक्ति को वापस घर तक पहुंचाया । वार्ड नंबर 9 के मीनू गुप्ता ने बताया कि भूपेंद्र काफी परेशान था लेकिन फिलहाल पुलिस आला अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस पूरे मामले में FIR दर्ज की जाएगी और आरोपियों को भी हिरासत में लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस से उम्मीद की जाती है कि पीड़ित व्यक्तियों को जल्द से जल्द न्याय मिले वहीं डॉक्टरों को भी भगवान का दर्जा दिया गया है आधा अधूरा इलाज कर घर भेजना यह भी एक जांच का विषय है।

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