तिरुपति ग्रुप बेनामी संपत्ति मामले में मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश कार्यालय से जांच के आदेश डीसी सिरमौर को आए हैं। वहीं 118 अधिनियम की उल्लंघना पर डीसी सिरमौर जांच करेंगे । कथित तौर पर तिरुपति ग्रुप द्वारा यह जमीन खरीदी गई और बिना 118 परमिशन के इस पर औद्योगिक इकाई के लिए इस्तेमाल भी शुरू कर दिया गया।
बता दें कि कथित तौर पर तिरुपति ग्रुप मालिकों ने मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी की साढ़े 5 बीघा जमीन एक करोड़ सात लाख रुपए में खरीदी थी। हिमाचल प्रदेश में नियम यह कहते हैं कि मंदिर, मस्जिद, शिक्षा सोसाइटी से जुड़ी संपत्ति को खरीदा नहीं जा सकता। इतना ही नहीं जिस जमीन पर कम्पनी ने कब्जा किया है वह मौके की जमीन से तकरीबन एक किलोमीटर दूर बताई जा रही है। इस पूरे मामले में तिरुपति ग्रुप और इस मामले में अनियमिता बरतने वाले अधिकारियों जो रिटायर होकर यहां से अन्य जिले में चले गए हैं पावटा साहिब के चक्कर लगा रहे हैं । और अपनी दिहाड़ी बनाने के चक्कर में कई कई दिन यहां पर रुककर जा रहे हैं
वहीं दूसरी और इस खरीद-फरोख्त में अनियमिताएं बरतने वाले अधिकारी भी तहसील पांवटा साहिब में कागजों की खामियों को दूर करने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। बता दें कि अगर दस्तावेजों के आधार पर बात करें तो इस पूरे मामले में मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष मेंबर सहित बेनामी संपत्ति खरीदने वाले तिरुपति ग्रुप पर कईं धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किया जा सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश में पहले ही सीमित जमीन है। ऐसे में बड़े उद्योगपति बेनामी तौर पर यहां संपत्तियां खरीद कर न केवल सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं बल्कि छोटे और गरीब किसानों की जमीन पर भी हाथ साफ कर रहे हैं। वहीं अब आसपास की पंचायत के लोगों का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र में अवैध रूप से कब्जाई गई जमीनों का इस्तेमाल सरकार मज़दूरी करने वाले और आसपास के गरीब आबादी के लिए इस्तेमाल करे । ऐसी जमीन जिस पर अवैध तरीके से कब्जा कर इंडस्ट्री बनाई गई है उस जमीन को सरकार अपने कब्जे में ले
वहीं नाम न छापने की शर्त पर मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा कि मुस्लिम समाज का भविष्य सुरक्षित करने के लिए शिक्षा बेहद जरुरी है आज अधिकतर मुस्लिम परिवार अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए भरसक प्रयास कर रहे । ऐसे में विशेष वर्ग की जमीन पर अवैध तरीके से खरीद फरोख्त कर कब्जा करना बेहद शर्मनाक है। सरकार को चाहिए इस जमीन को तुरंत खाली करवाए और यहां पर आसपास के बच्चों के लिए शिक्षा या खेल कूद परिसर बनाए और उन्हें एक नए समाज की संरचना को मजबूत करने का अवसर दें।