पांवटा साहिब: शहर सहित ग्रामीण इलाकों में डेंगू वायरल बुखार का कहर,स्वास्थ्य विभाग लापरवाह

डेंगू से जंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं अधूरी , जिम्मेदार अधिकारी कर रहे मस्ती

 

 

You may also likePosts

 

शहरी और ग्रामीण इलाकों में बुखार के मरीज की संख्या बढ़ती ता रही है इससे डेंगू के संभावित मरीज होने की आशंका बढ़ गई है चेयरपर्सन निर्मल कौर भी डेंगू पॉजिटिव हो गई है 6 दिन तक हॉस्पिटल में एडमिट रहने के बाद घर पर स्वास्थय लाभ ले रही है इससे पांवटा साहिब नगरपालिका की डेंगू की रोकथाम करने के उपायों के ऊपर भी सवालिया निशान लग गए हैं

स्वास्थ्य विभाग डेंगू की रोकथाम करने में नाकाम हो रहा है। हर साल डेंगू के मरीज बढ़े हैं। इस बार भी डेंगू और वायरल बुखार तेजी से फैला है। कोई खास इंतजाम विभाग द्वारा नहीं किया गया है। कई साल से डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। 2020 तक जिले में डेंगू को प्रकोप नहीं था। 2021 में डेंगू ने कहर बरपा दिया तो लोगों को लगा कि डेंगू एक जानलेवा है। पहले भी स्वास्थ्य विभाग की जमकर फजीहत हुई थी । विभाग की लापरवाही से डेंगू संक्रमण से इस बार भी कहर बरपा रहा है।

शहरी और ग्रामीण इलाकों में बुखार के मरीज की संख्या बढ़ती ता रही है। बदन में दर्द और तेज बुखार की शिकायत लेकर लोग निजी और सरकारी अस्पताल में पहुंच रहे हैं। इससे डेंगू के संभावित मरीज होने की आशंका बढ़ गई है। प्लेटलेट के साथ टोटल कांउट कम होने की शिकायत लोग कर रहे है। विधानसभा में फागिंग की रफ्तार धीमा होने से लोग डेंगू की चपेट में आने को लेकर सहमे हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग भी बुखार के संभावित मरीज मिलने को लेकर स्क्रिनिंग में उदासीन रवैया अपना रहा हैं। अस्पताल में आने वाले मरीज की डेंगू जांच हो रही है। बुखार से पीडित और डेंगू के लक्षण वाले कई लोगों का ईलाज कई अस्पतालो में चल रहा है। मालूम हो कि बरसात के बाद डेंगू के मरीज आमतौर पर मिलते है।गंदे और जमा हुए पानी में जन्में मच्छरों में डेंगू वायरस हो सकता है। इसका लक्षण आमतौर पर संक्रमण के तीन से चौदह दिन बाद शुरू होता है।डेंगू में तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और त्वचा पर दाने और खुजली हो सकती है। इसे ठीक होने में आम तौर पर दो से सात दिन लग सकते हैं। कुछ मामले में यह बीमारी अधिक गंभीर हो जाती है। ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है और ब्लड प्लाज्मा का रिसाव होता है। डेंगू एडीज जीनस के मादा मच्छरों की कई प्रजातियों में से एक एडीज एजिप्टी द्वारा फैलता है।

कई महीनों से लोगों को मलेरिया, टायफाइड और डेंगू ने चपेट में लेना शुरू कर दिया। शहर ही नहीं देहात क्षेत्रों के सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की कतार लगी हुई है। यहां वायरल के साथ मलेरिया के मामले भी प्रकाश में आ रहे हैं। डेंगू से बचाव के लिए भले ही स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कोई खास कोशिश नहीं कर रहे हैं इसी कारण पांवटा साहिब में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। ताजा आंकड़े हैरान करने वाले हैं। डेंगू के लारवे की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुहिम चलाई नहीं जा रही है, शहर के सभी वार्डो ओर ग्रामीण इलाकों में घरों का सर्वेक्षण नहीं किया गया है। पानी के कंटेनरों की भी जांच नहीं की गई, जिनमें कूलर, स्टोरेज टंकियां, टायर आदि शामिल हैं।

ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान

1- डेंगू में बुखार तेज हो सकता है। अगर तापमान 104 तक हो तो जांच करवानी चाहिए।
2- डेंगू होने पर सिर में तेज दर्द भी होता है।
3- बुखार, बदन दर्द और आंखों में दर्द होता है।
4- उल्टी और मतली के साथ जी घबराने जैसी समस्याएं महसूस होती हैं।
5- डेंगू होने पर स्किन पर लाल रंग के चकत्ते दिखाई देते हैं और खुजली भी हो सकती है।
6- डेंगू के बुखार में हड्डियों के साथ जोड़ों और मांसपेशियों में भी तेज दर्द होता है।

डेंगू से बचाव के उपाय

1. शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें: फुल पैंट और फुल स्लीव की शर्ट का उपयोग करें ताकि मच्छर काटने से बचा जा सके।
2. मच्छर भगाने वाली क्रीम्स का प्रयोग करें: मच्छरों से बचाने वाली क्रीम या रिपेलेंट्स को अपनी स्किन पर लगाएं।
3. घर से बाहर कम निकलें: खासतौर पर पार्क या अन्य खुली जगहों पर जाने से बचें जहां मच्छरों का खतरा ज्यादा हो।
4. साफ-सफाई का ध्यान रखें: घर के अंदर और आसपास नियमित रूप से सफाई करें और किसी भी प्रकार के कचरे या गंदगी को न जमने दें।
5. मच्छरदानी का उपयोग करें: सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
6. पानी जमा न होने दें: कहीं भी रुके हुए पानी को समय-समय पर साफ करें, जैसे कूलर, फूलदान, और पानी के अन्य स्रोतों में।

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!