दो स्टोन क्रशर सील, नियमों की अनुपालना न करने पर की कार्रवाई

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव की अगवाई वाली टीम ने शनिवार को नालागढ़ के विभिन्न स्टोन क्रशरों का निरीक्षण किया। इस दौरान नियमों की अनुपालना न करने वाले और कमियों को दूर करने में विफल रहने पर दो स्टोन क्रशरों को तत्काल सील कर दिया गया। फिलवक्त राज्य प्रदूषण बोर्ड की इस कार्रवाई से क्रशर संचालकों में हडकंप मचा दिया है। बोर्ड के अधिकारी इस कार्रवाई के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं, क्योंकि बोर्ड की टीम निरीक्षण व कार्रवाई को लेकर पूरी रिपोर्ट हाई कोर्ट में दाखिल करेगी। बता दें कि हिमाचल उच्च न्यायालय ने हाल ही में नालागढ़ के स्टोन क्रशरों में खामियों की पड़ताल के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को आदेश दिए थे, जिसके तहत बोर्ड की टीम ने पुलिस सुरक्षा के बीच क्षेत्र के 13 स्टोन क्रशरों का निरीक्षण किया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान खामियां पाए जाने पर दो स्टोन क्रशरों को सील कर दिया गया है। इस दौरान बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी के अलावा मुख्य पर्यावरण अभियंता प्रवीण गुप्ता, तहसीलदार निशा आजाद, माइनिंग इंस्पेक्टर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सुबह से शुरू हुई निरीक्षण की यह कार्रवाई देर शाम तक जारी रही। इस दौरान कई क्रशर बंद मिले, जबकि नवांग्राम व चिकनी स्थित स्टोन क्रशरों में कई खामियां पाई गईं

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इन क्रशरों के संचालकों ने जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण सोलन द्वारा दिसंबर, 2023 में दौरे के दौरान चिन्हित की गई खामियों क ो भी दूर नहीं किया गया था, जिस पर बोर्ड के दोनों क्रशरों को सील कर दिया गया है। सनद रहे कि हाई कोर्ट ने हाल ही में नालागढ़ के स्टोन क्रशरों से जुड़ी हंडूर पर्यावरण मित्र संस्था द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी को इन क्रशरों का दौरा का निरीक्षण करने व खामियां पाए जाने पर स्टोन क्रशरों की मशीनरी को जब्त व परिसर को सील करने के आदेश दिए थे। नियमों की अनुपालना न करने वाले और कमियों को दूर करने में विफल रहने पर दो स्टोन क्रशरों को मौके पर ही सील कर दिया गया है। वहीं कुछ क्रशरोंं को नियम कानून के दायरे में रह कर कार्य करने के आदेश दिए गए।

याचिका में कहा गया, जब अधिकारियों से शिकायत की जाती है तो वे स्टोन-क्रशर मालिकों की पैरवी करने लगते हैं, जिससे प्रतीत होता है कि वे सरकार के लिए नहीं बल्कि स्टोन क्रेशर मालिकों के लिए काम कर रहे हों। नियमों को दरकिनार कर नदियों में बड़े बड़े गड्ढे किए जा रहे हैं। 6 महीने तक अवैध तरीके से एक स्टोन क्रेशर ने बिना अनुमति करोड़ों कमाए और खनन विभाग ने इस पर मात्र 50 हजार रुपए का जुर्माना किया। आरोप लगाया गया कि स्टोन क्रेशर मालिकों के खिलाफ केवल दिखावे की कार्रवाई होती है।

नालागढ़ में 13 क्रशर चल रहे हैं। इसमें शिवालिक, जय माता स्टोन, ठाकुर, रुहानी स्टोन, चंगर स्टोन, तृप्ती, सैणी ग्रीट उद्योग, नालागढ़ स्टोन, आरपी स्टोन क्रशर, नैना स्टोन क्रशर, लखविंद्र स्टोन क्रशर, न्यू ठाकुर रूहानी नवांग्राव स्टोन क्रशर है। शनिवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी, वरिष्ठ अभियंता प्रवीण गुप्ता, सहायक अभियंता पवन चौहान, एसडीपीओ अभिषेक ने सभी स्टोन क्रशरों का निरीक्षण किया।

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