पाँवटा साहिब के ऐतिहासिक होली मेले पर लगने वाले मेले के दौरान दुकानों के प्लाॅट के ठेके की सोमवार को खुली बोली रखी गई। जिसमे चार ठेकेदारों ने भाग लिया। इसमे बेस प्राइज गत वर्ष के मुकाबले 10% तक कम किया गया ताकि व्यापारियों को प्लाॅट सस्ते दाम पर मिल सके। इसमें 37 लाख रुपये से बोली शुरु हुई, जिसमे पाँवटा साहिब के संजय कुमार ने सर्वाधिक 38 लाख 10 हजार रुपए बोली लगाकर ठेका अपने नाम किया। इसके अलावा 18% जीएसटी अलग से लिया जाएगा। हालांकि गत वर्ष प्लाॅट का ठेका 52 लाख 04 हजार रूपये में गया था, लेकिन बाद में दुकानदारों ने प्लाॅट के दाम अधिक वसूलने की लगातार शिकायतें की थी, जिस कारण नगर परिषद ने इस बार पहले ही रेट कम कर व्यापारियों को राहत देने का प्रयास किया है।
जानकारी के मुताबिक नगर परिषद के मेला मैदान और बाहर मेले के दौरान दुकाने सजती है। करीब एक सप्ताह से अधिक समय तक आयोजित होने वाले मेले में हिमाचल ही नही बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से भी व्यापारी पंहुचते है। पहले नगर परिषद स्वयं प्लाॅट का आबंटन करती थी लेकिन पिछले तीन-चार वर्ष से स्टाॅफ के अभाव में इस बार भी यह कार्य ठेके पर देने का निर्णय लिया गया। जिसके लिए सोमवार को बोली रखी गई थी।इसके साथ ही लाइट्स का ठेका 4,04,000 रूपये में देहरादून के रविंद्र गाब ने लिया। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 3 हजार रुपए अधिक है। लाइट्स के ठेके की बोली में भी चार ठेकेदारो ने भाग लिया।
आज की ही बैठक में मेले में लगने वाले झूलों के लिए भी नगर परिषद ने बोली रखी थी, लेकिन राशि अधिक होने के कारण इसमें किसी भी ठेकेदार ने भाग नहीं लिया। इसलिए नगर परिषद ने बड़ा फैसला लिया है कि झूलों के ठेके के लिए भी बेस प्राइज कम कर 67 लाख रुपये रखा जाएगा। इसके लिए अगली बोली 28 फरवरी को रखी गई है। बता दें कि पिछली बार झूलों की बोली 75 लाख 52 हजार रुपए में गई थी, और लोगों की भी शिकायतें रही कि मेले में झूलों के रेट्स ज्यादा लिए जा रहे हैं। इसलिए इस बार नगर परिषद पहले ही बेस प्राइज घटाकर ठेका देना चाह रहा है और सभी झूलों के रेट तय किये जाने है। इस मौके पर ईओ कम एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा सहित नगर परिषद चेयरपर्सन निर्मल कौर, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश कटारिया सहित पार्षद सीमा चौधरी, दीपा शर्मा, दीपक मलनहंस, रविंद्र पाल सिंह, राजेन्द्र कुमार और मनोनीत पार्षद तलविंदर सिंह कथूरिया समेत नगर परिषद के जेई मुकेश कुमार, लेखाकार बारूराम शर्मा आदि भी मौजूद रहे।