मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटिड में मुख्य अभियन्ता व महा प्रबंधक के पद पर सेवारत विमल नेगी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की और उन्हें इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विमल नेगी ने पॉवर कॉरपोरेशन में जीवन भर उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान की व अपने दायित्व के प्रति पूर्ण निष्ठा से समर्पित रहे।
उनकी गुमशुदा होने की रिपोर्ट पुलिस थाना सदर शिमला में दर्ज है। विमल नेगी के पास दो मोबाइल नंबर क्रमश: 94184-51640 व 98058-14826 है, जो दस मार्च से बंद थे। उन्होंने कहा कि उनके पति को अंतिम बार बिलासपुर जिला के घुमारवीं में कंदरौर पुल के नजदीक देखा गया था। उनकी धर्मपत्नी ने अपने पत्र में लिखा है कि गुमशुदा विमल नेगी विगत छह माह से मानसिक रूप से काफी परेशान थे एवं उनका कहना था कि उनके ऊपर पावर कॉरपोरेशन के उच्च अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से मानसिक प्रताडऩा, दुव्र्यवहार, जानबूझकर चिकित्सा हेतु अवकाश न देना एवं बार-बार प्रशासनिक कार्रवाई की धमकी दी जा रही थी। इन्हीं कारणों की वजह से वह लापता थे। इस संदर्भ में उन्होंने यह भी लिखा है कि विमल नेगी कार्यालय से दस मार्च को कार्यालय अवधि के दौरान लापता हो गए हैं, परंतु बहुत दुख के साथ कहना पढ़ रहा है कि विभाग के किसी भी अधिकारी व कर्मचारी द्वारा अभी तक हमें आधिकारिक रूप से गुमशुदगी के बारे में सूचित नहीं किया है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पावर कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उनके आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्ति की। उन्होंने कहा यह बहुत गंभीर मामला है। मैने विधानसभा सत्र के दौरान विमल नेगी जी की तलाश अभियान में तेजी लाने का मामला विधान सभा में उठाया था। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से आज उनका शव मिला है। इस मामले में बहुत सारे तथ्य सामने आ रहे हैं। परिजनों द्वारा भी उच्च अधिकारियों पर दबाव देने के आरोप लगाए जा चुके हैं। ऐसे में इस मामले की निष्पक्षता पूर्वक जांच होनी चाहिए, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि यह हत्या है या आत्महत्या। मुख्यमंत्री से निवेदन है कि वह परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता से जांच करें और यदि मामले में कोई भी दोषी हो तो उसे किसी सूरत में बख्शा न जाए।