(जसवीर सिंह हंस ) उत्तराखण्ड सीमा से हिमाचल मे प्रवेश हुए बदमाशो का अभी तक कोई सुराग तक लगाने में नाकाम साबित हो रही है सिरमौर पुलिस। जहां एक ओर अपराधियो के हौसले बुलन्द है वही दूसरी ओर सिरमौर पुलिस के आम जन मानस की सुरक्षा के दावे खोखले साबित हो रहे है। गौर हो कि अभी बीते दिनों शार्प शूटरों ने एक पुलिस कर्मी को सरेआम गोली मारने का प्रयास किया खैर है कि पुलिस कर्मी की जान बच गयी। इतना ही नही गैगस्टरों ने एक नही कई फायर भी मारे जिसके निशान सडक पर दीवारों पर साफ दिखाई दे रहे है। हालांकि पुलिस को खाली कारतूस बरामद हो गये है साथ ही पुलिस ने 307 का मुकदमा भी दर्ज कर कागजी कार्यवाही शुरू कर दी है।
अब हैरत कर देने वाली बात तो यह है कि जब सिरमौर पुलिस के पास दो घन्टे पहले ही सूचना थी कि बिना असलाह आखिर क्यों भेज दिया गया पुलिस के जवान को। यह भी हैरानी की बात है कि अभी कुछ दिनों पूर्व एक पर्यटक ने पुलिस कप्तान की गाडी को ओवरटेक किया था कि बडी भारी मात्रा में पुलिस बल का प्रयोग करते हुए बद्रीपुर चौक पर ही धर दबोेचे थे। सवाल है कि रात के समय जब पुलिस पर फायर मारे जा रहे थे तो उस समय पुलिस गश्त टीम कहां थी ? बदमाश गोविन्दघाट बेरियर से लेकर बहराज बैरियर और इसके बाद माजरा के समीप से होते हुए हरिपुर खोल से होते हुए हरियाणा की ओर निकल गये और पुलिस के अधिकारी सोते रहे।
अब सिरमौर पुलिस इस इन्तजार में है कि कब चण्डीगढ पुलिस बदमाशों को पकडे ओर उन्हें ट्राजिट रिमाण्ड पर लिया जाये। इसके बाद पत्रकार वार्ता आयोजित कर पुलिस के अधिकारी अपनी पीठ खुद ही थपथपा कर फोटो खिचवा मीडिया में सुर्खियां बटोरन के प्रयासरत रहेगे। वही मिडिया दवारा इस मामले पर खिचाई होने के बाद आज निचे से ऊपर तक के सभी पुलिस अधिकारियो ने फ़ोन तक नहीं उठाया | वही शहर में कभी बिलासपुर व सिरसा में अपराधियों के होने की अफवाह भी उडती रही व अफवाह उडी की हरियाणा पुलिस ने अपराधी पकड़ लिए है व परन्तु जब खबरोंवाला ने इस मामले पर हरियाणा पुलिस के अधिकारियो से बात की तो उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया है |