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हिमाचल प्रदेश में मानसून का प्रकोप लगातार जारी है। बारिश से पहाड़ दरक रहे हैं, नदियां-नाले उफान पर हैं और जगह-जगह सड़कें धंस रही हैं। बीती रात मंडी जिले के बालीचौकी बाजार में एक चार मंजिला मकान अचानक ताश के पत्तों की तरह ढह गया।
भारी बारिश ने मचाई तबाही
लगातार हो रही बारिश से जमीन धंस गई थी, जिससे मकान की नींव खोखली हो चुकी थी। सौभाग्य से हादसे से पहले ही भवन को खाली करवा लिया गया था, जिस कारण कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। मगर अब आसपास के चार और मकान खतरे की जद में आ गए हैं।
उधर कुल्लू जिले की लग घाटी में नागूझोड़-दोघरी-समाणां सड़क बारिश से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। भारी बारिश के कारण करीब 15 फीट सड़क नाले में बह गई, जिससे क्षेत्र का संपर्क टूट गया। परेशान ग्रामीणों ने अपनी सूझबूझ से तीन तारों का स्पैन बनाकर किसी तरह गाड़ियों को पार कराया। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तुरंत सड़क बहाली की मांग की है।
मंडी-मनाली मार्ग पर बार-बार जाम
मंडी-मनाली नेशनल हाईवे भी लगातार लैंडस्लाइड की वजह से बाधित हो रहा है। बीती रात भी जगह-जगह भूस्खलन के कारण सड़क बंद रही और सैकड़ों वाहन घंटों तक जाम में फंसे रहे। जाम लगने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
भारी बारिश ने हमीरपुर जिला में भी मुसीबत बढ़ा दी। शनिवार को सुजानपुर-पालमपुर हाईवे पर दूसरी बार लैंडस्लाइड हुआ। वहीं इस मानसून सीजन में चौथी बार इस मार्ग पर यातायात ठप हुआ। ब्यास नदी के पास पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा गिरा-जिसके कारण दोनों ओर जाम लग गया।
बारिश का सिलसिला जारी
मौसम विभाग के ताजा बुलेटिन के अनुसार, हिमाचल में 28 अगस्त तक लगातार बारिश का पूर्वानुमान है। राहत की बात यह है कि इस बार ऑरेंज की जगह यलो अलर्ट जारी किया गया है, लेकिन भारी बारिश की संभावना अभी भी बनी हुई है।
मौसम विभाग ने आज तीन जिलों मंडी, शिमला और सिरमौर में तेज बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। कल के लिए सिरमौर और 26 अगस्त के लिए कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिले में यलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों या नदी-नालों के किनारे न जाएं।
अब तक 2326 करोड़ की संपत्ति का नुकसान
इस मानसून सीजन ने प्रदेश को भारी तबाही दी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 2326 करोड़ रुपए की संपत्ति बारिश की भेंट चढ़ चुकी है। इनमें कई सड़कें, पुल, भवन और निजी संपत्तियां शामिल हैं। 658 घर पूरी तरह ढह गए हैं और 2318 घर आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं। लगातार हो रहे हादसों से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में दहशत का माहौल है।