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हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य में कई जगहों पर भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। इस आपदा के कारण राज्य भर में सड़कें और मोबाइल नेटवर्क बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
चंबा में फंसे श्रद्धालु
चंबा जिले के भरमौर में स्थित मणिमहेश यात्रा पर गए हजारों तीर्थयात्री फंस गए हैं। भारी बारिश के कारण मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से ठप हो गया है, जिससे उनका अपने परिवारों से संपर्क टूट गया है। लोगों की मदद के लिए, हिमाचल प्रदेश दूरसंचार विभाग ने 1 सितंबर 2025 तक चंबा और भरमौर में इंट्रा-सर्कल रोमिंग (ICR) सुविधा शुरू कर दी है। इसके तहत, फंसे हुए यात्री अपने मोबाइल फोन में किसी भी उपलब्ध नेटवर्क को मैन्युअल रूप से चुनकर कॉल या मैसेज कर सकते हैं, भले ही वह उनके मूल ऑपरेटर का न हो। यह कदम संचार बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
सड़कें बंद, यातायात प्रभावित
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, हिमाचल में कुल 4 नेशनल हाइवे और 677 सड़कें बंद हो गई हैं। इससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है और राहत कार्यों में भी बाधा आ रही है।
कुल्लू-मनाली मार्ग पूरी तरह से कट गया है।
चंडीगढ़-मनाली NH-21 मंडी में कई जगहों पर बंद है।
मंडी-पठानकोट NH-154 भी अवरुद्ध है।
इसके अलावा, NH-305 (कुल्लू) और NH-03 (किन्नौर) भी बाधित हैं।
सबसे ज्यादा सड़कें मंडी (342) और कुल्लू (131) जिलों में प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा, कांगड़ा, शिमला, सिरमौर, सोलन, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में भी बड़ी संख्या में सड़कें बंद हैं। चंबा और लाहौल-स्पीति में भी भारी नुकसान की आशंका है, लेकिन नेटवर्क बाधित होने के कारण वहां से पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है।
प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने और सड़कों को फिर से खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।