हिमाचल में बारिश से सड़कें बंद- रास्ते में फंसी गाड़ियां, बोरियों में सड़ रही करोड़ों की फल-सब्जियां

Khabron wala 

हिमाचल प्रदेश में बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश ने सेब सीजन पर बड़ा असर डाला है। भारी बरसात से जगह-जगह सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिसके चलते बागवान अपने सेब मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। जिसका सीधा असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और बागवानों की मेहनत पर पड़ा है।

बोरियों में सड़ने लगे सेब

बतौर रिपोर्टर्स, बीते चार दिन से हो रही लगातार बारिश से न केवल ए और बी ग्रेड, बल्कि सी और डी ग्रेड के सेब भी HPMC के कलेक्शन सेंटरों में फंस गए हैं। आधे से ज्यादा सेंटरों का संपर्क टूटा हुआ है और बोरियों में रखा सेब सड़ने लगा है। चार दिन से बंद सड़कों के कारण सेब सीजन ठप पड़ गया है।

फागू बैरियर से अब तक 27.89 लाख बॉक्स, शोघी से 27.26 लाख बॉक्स, कुड्डू से 15.61 लाख बॉक्स और गुम्मा से 12.87 लाख बॉक्स सेब की ढुलाई हुई है। हालांकि कुल्लू, आनी, निरमंड और चौपाल जैसे इलाकों में सेब सड़कें बंद होने की वजह से अटक गया है। मंडी के सराज क्षेत्र और चंबा-भरमौर के बागवान भी बड़े नुकसान की आशंका जता रहे हैं। बागवानों का कहना है कि अगर मौसम ने जल्द राहत नहीं दी तो इस बार सीजन में भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है।

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मंडियों में कम हुई आमद

शिलारू, नारकंडा, रोहड़ू और भट्ठाकुफर जैसी मंडियों में पिछले चार दिनों से सेब की आमद घट गई है। पराला मंडी, जहां रोजाना 35 से 60 हजार पेटियां आती थीं, वहां अब सिर्फ 10 से 15 हजार पेटियां ही पहुंच रही हैं। HPMC का कहना है कि जुब्बल-कोटखाई, ठियोग, दलाश, आनी और निरमंड के कलेक्शन सेंटरों में सेब फंसा पड़ा है, जिसे प्रोसेसिंग यूनिट तक नहीं ले जाया जा सका।

बारिश और भूस्खलन से नेशनल हाइवे-5 सहित कई सड़कों की हालत बेहद खराब हो गई है। छैला-सोलन सड़क मार्ग पर जगह-जगह सेबों से लदे हुए ट्रक और ट्राले फंसे हुए हैं। ऐसे में आसपास के इलाकों से जो थोड़ा-बहुत सेब मंडियों तक पहुंच रहा है, उसे भी बाहरी राज्यों तक भेजना आसान नहीं रह गया है।

अब तक 1.30 करोड़ बॉक्स की ढुलाई

मुश्किल हालातों के बीच भी शिमला जिला से इस सीजन अब तक करीब 1.30 करोड़ सेब बॉक्स बाहर भेजे जा चुके हैं। पांच प्रमुख पुलिस बैरियरों में बलग स्थित नैना बैरियर सबसे आगे रहा है, जहां से 46.48 लाख बॉक्स बाहरी राज्यों को भेजे गए। यह इलाका जुब्बल, कोटखाई, रोहड़ू और चिड़गांव जैसे ऊपरी शिमला क्षेत्रों से जुड़ा है, जो सेब उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं।

 

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