सीएम साहब सराहां का जिलास्तरीय वामन द्वादशी मेला नहीं हो पाया राज्यस्तरीय
सिरमौर जिला के सुप्रसिद्ध सराहां वामन द्वादशी मेले को राज्यस्तरीय करने की सीएम की घोषणा कोरी साबित हो रही है। 9 महीने पूर्व हुई इस घोषणा के मामले में प्रशासन अभी भी गंभीर प्रतीत नहीं हो रहा है। मेले में महज 3 महीने का समय शेष रह गया है लेकिन इसे राज्यस्तरीय करने का मामला जहां का तहां बना हुआ है।
ज्ञात रहे कि सराहां के जिलास्तरीय वामन द्वादशी मेले में लाखों के गोलमाल के आरोपों के बाद मेला कमेटी विवादों में आ गई थी। सुधार न होने की सूरत में जनता ने मेले की जिम्मेवारी ग्राम पंचायत को सौंपने की मांग जोर शोर से उठाई हालांकि पहले वर्ष तो जनता को कामयाबी नहीं मिल पाई लेकिन अगले वर्ष उनकी यह मुहीम सफल रही। इस धार्मिक पर्व पर पार्टी विशेष का ठप्पा न लगे इसके लिए कांग्रेस व भाजपा सदस्यों की संयुक्त कमेटी का गठन किया गया। लेकिन भाजपा समर्थित सराहां ग्राम पंचायत को मिली मेले की सरदारी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को गवारा नहीं हुई। आम तौर पर यहां सरकार के हिसाब से मेला कमेटी का गठन होता आया है। गत वर्ष वामन द्वादशी मेले के समापन पर आए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से पच्छाद की जनता को कई अहम घोषणाओं की उम्मीद थी लेकिन उस समय सभी हैरान हो गए जब स्थानीय कांग्रेस नेता व योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष गंगू राम मुसाफिर ने सीएम से मेले को राज्यस्तरीय करने की मांग प्रमुखता से उठा दी। उनका तर्क था कि इस मेले के आयोजन को लेकर भाजपा के लोग राजनीती कर रहे हैं इसलिए इसे राज्यस्तरीय कर दिया जाए जिससे मेले का जिम्मा सीधे प्रशासन के हाथों में चला जाएगा।
सीएम ने भी इस मांग को प्राथमिकता देते हुए मंच से मेले को राज्यस्तरीय करने की घोषणा कर दी। भले ही उन्होंने राजनीती के चलते ऐसा कदम उठाया हो लेकिन कहीं न कहीं सराहां का इसमें भी भला है। इस घोषणा को 9 महीने का समय निकल गया है जो अभी भी घोषणा के आलावा कुछ नहीं है। इतना समय निकल जाने के बाद जिला प्रशासन के पास भी इस बाबत कोई जानकारी नहीं है। उपायुक्त बीसी बडालिया ने सीएम की घोषणा की पुष्टि करते हर बताया कि अभी सरकार ने निर्देशों का इन्तजार किया जा रहा है। यानि यहां भी अभी ऐसे कोई आदेश नहीं आए हैं।