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हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश भर में हो रही भारी बारिश अब तक 300 से अधिक लोगों की जान ले चुकी है। जबकि करोड़ों की संपत्ति को तबाह कर दिया है। बीती रात को हुई मूसलधार बारिश ने एक बार फिर जनजीवन अस्त.व्यस्त कर दिया है। कई जिलों में नदी.नाले उफान पर हैं, जबकि भूस्खलन और जलभराव के कारण सड़कें जगह.जगह बाधित हो गई हैं। हमीरपुर और बिलासपुर में हालात सबसे ज्यादा गंभीर हैं।
हमीरपुर में बहा पुल, गांवों का संपर्क टूटा
जिला हमीरपुर के भोरंज उपमंडल में जाहू-भरेड़ी मार्ग पर नालटू के समीप बना पुल रात को आई बाढ़ में बह गया। इससे क्षेत्र के गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। मरीजों को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो गया है और जरूरी सामान की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लगातार बारिश के कारण उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं। प्रशासन से मांग की जा रही है कि बंद पड़े मार्गों को तुरंत खोला जाए और क्षतिग्रस्त पुलिया की मरम्मत कार्य जल्द शुरू किया जाए।
इधर बिलासपुर जिला के नम्होल क्षेत्र में देर रात बादल फटने की घटना सामने आई। तेज बारिश और अचानक बढ़े पानी के बहाव से क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है। कई मकानों में पानी घुस गया और खेतों की फसलें भी बर्बाद हो गईं। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
सड़कें जगह-जगह बंद, यातायात पर असर
लगातार हो रही बारिश के कारण उपमंडल के विभिन्न मार्ग बंद हो गए हैं।
बस्सी से सुलगवान (लगमनवीं मार्ग)
भरेड़ी-धमरोल-जाहू मार्ग
बस्सी से भरेड़ी मार्ग
बस्सी से जाहू (बाह्नवीं मार्ग)
हालांकि राहत की बात यह है कि विभागीय कर्मियों के प्रयासों से बस्सी से जाहू (बाह्नवीं मार्ग) को आंशिक रूप से खोल दिया गया है। वहीं, बस्सी से भरेड़ी मार्ग पर चीड़ का वृक्ष गिरने से रास्ता फिर से बंद हो गया। भरेड़ी से जाहू वाया बडैहर मार्ग खुला है, लेकिन वाया जोल-कोहटा मार्ग अभी भी बाधित है। भारी बरसात के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों और बगीचों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। खड़ी मक्की की फसलें पानी में डूब गई हैं। कई घरों में नमी भर जाने से ग्रामीण परेशान हैं।
प्रशासन की ओर से लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक बाहर न निकलने की अपील की गई है। विभागीय टीमें प्रभावित सड़कों को बहाल करने और राहत कार्य में जुटी हुई हैं। अधिकारियों का कहना है कि मौसम में सुधार होते ही क्षति का आकलन कर बहाली कार्य तेज़ किया जाएगा।